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मिशन दस करोड़ का खुलासा
चुनाव के दौरान कैश ले जाने पर सख्ती का तोड़ कैसे निकाला गया. इसका खुलासा 125 एटीएम के साथ गिरफ्तार ड्राइवर सद्दाम ने किया है. उसका कहना है कि वो जिन लोगों को लेकर दरभंगा जा रहा था. उन्हें नेताओं के यहां दस करोड़ पहुंचाने की जिम्मेवारी मिली थी. ये रुपये एटीएम के जरिये पहुंचाये […]
चुनाव के दौरान कैश ले जाने पर सख्ती का तोड़ कैसे निकाला गया. इसका खुलासा 125 एटीएम के साथ गिरफ्तार ड्राइवर सद्दाम ने किया है. उसका कहना है कि वो जिन लोगों को लेकर दरभंगा जा रहा था. उन्हें नेताओं के यहां दस करोड़ पहुंचाने की जिम्मेवारी मिली थी. ये रुपये एटीएम के जरिये पहुंचाये जाने थे. एटीएम पिन कार्ड के सहारे नेताओं के यहां दे दिये जाते और फिर उनमें लाखों रुपये ट्रांसफर कर दिये जाते. इस तरह से नेता और उनके समर्थक एटीएम के जरिये रुपये निकाल कर खर्च कर सकते थे, जिनसे किसी को शक भी नहीं होता. ये राशि चुनाव खर्च में भी नहीं जुड़ती, क्योंकि एटीएम तो किसी दूसरे के नाम पर थे.
125 एटीएम बरामद, चालक गिरफ्तार मौके से तीन फरार
बैरिया गोलंबर पर जांच के दौरान एक युवक को 125 एटीएम के साथ पकड़ा गया है. ये कार्रवाई एसएसटी टीम ने की. युवक गाड़ी से दरभंगा की ओर जा रहा था, हालांकि जांच के दौरान गाड़ी पर बैठे तीन अन्य युवक अपने थैलों के साथ फरार होने में सफर रहे. बताया जाता है, जो युवक भागे हैं वो किसी राजनीतिक दल से जुड़े हुये हैं. पकड़ा गया युवक मोतिहारी के मधुबन का रहनेवाला है, जिससे पुलिस पूछताछ कर रही है.
अहियापुर थाना के बैरिया चौक पर एसएसटी के मजिस्ट्रेट मो. नियाज आलम पुलिस पदाधिकारी राजनारायण चौधरी के साथ वाहनों की चेकिंग कर रहे थे. इसी बीच उन्होंने शहर की ओर से स्कार्पियों (ओआर-15आर-3777) को आते देखा. पुलिस बल को स्कार्पियों रोककर जांच करने का निर्देश दिया. पुलिस ने जैसे ही स्कार्पियों को जांच के लिए रोका उसपर बैठे तीन व्यक्ति आराम से गाड़ी से अपने बैग के साथ उतर गये. गाड़ी की पिछली सीट पर बैग रखा था. पुलिस बैग और गाड़ी में रखे अन्य सामानों की जांच करने लगी. पुलिस ने जब बैग की जांच की तो उसमें से भारी मात्रा में एटीएम व इसके कोड के कागजात मिले. इसके बाद पुलिस ने गाड़ी के ड्राइवर को अपने गिरफ्त में ले लिया. पुलिस जब गाड़ी से उतरे युवकों की खोज की, तो वे सभी फरार मिले. इसके बाद पुलिस स्कार्पियों,ड्राइवर व बरामद एटीएम को लेकर थाने लौट गयी.
दरभंगा जा रहे थे युवक. गिरफ्तार ड्राइवर ने पूछताछ में अपना नाम मो. सद्दाम बताया. उसका घर पूर्वी चंपारण के मधुबन थाना अंतर्गत माणिकपुर गांव में है. सद्दाम फरार हुये तीन युवकों में से दो का ही नाम बता सका. उसका कहना था कि तीसरे युवक को वो नहीं पहचानता है. जिन युवकों को जनता है, उनके नाम गुलटुन व लालबाबू हैं, दोनों मधुबन के सेमरा गांव के हैं. हम लोग दरभंगा जा रहे थे.
आखिर मेहदी हसन चौक व जूरन छपरा में किससे मिले युवक . एटीएम बरामदगी के मामले में पुलिस उस व्यक्ति के बारे में भी पता लगा रही है, जिससे फरार युवकों ने मेंहदी हसन चौक व जूरन छपरा में मुलाकात की थी. इससे पुलिस ये पता करने की कोशिश कर रही है. कई बरामद एटीएम का मुजफ्फरपुर कनेक्शन तो नहीं है.
राजनीतिक दल से जुड़ा है गुलटुन
सद्दाम ने पूछताछ के बाद बताया कि गुलटुन व लालबाबु के साथ ही उसका एक अन्य अज्ञात मित्र किसी राजनैतिक दल के लिए काम करता है. मधुबन से चलने के बाद से ही उसके मोबाइल फोन पर किसी बड़े नेता का फोन बार-बार आ रहा था. सबसे पहले गुलटुन व उसके साथी मुजफ्फरपुर के मेंहदी हसन चौक पर आये. यहां किसी से मिले और उसके साथ जूरन छपरा में एक व्यक्ति के घर में आधा घंटा रुके. वहां से लक्ष्मी चौक गये. उसके बाद दरभंगा जाने के क्रम में बैरिया गोलंबर पर वाहन चेकिंग के दौरान गाड़ी से उतर कर भाग गये.
गुलटुन के बैग में भी था एटीएम
चेकिंग के दौरान पुलिस को चकमा देकर फरार गुलटुन व लालबाबु के बैग में भी एटीएम व उसके गुप्त पिन कोड के कागजात थे. गाड़ी से मिले बैग से पुलिस को ग्रामीण बैंक के 125 एटीएम व उसके गुप्त पिन कोड के कागजात मिले है.
दो-दो लाख डाले जाने की थी योजना
सद्दम के अनुसार,गुलटुन, लालबाबू व उसके गिरोह के अन्य लोग जगह-जगह चेकिंग से परेशान थे, क्योंकि बड़ी रकम ले जाने में रिस्क था. इसलिए एटीएम को विभिन्न क्षेत्र के प्रत्याशियों के यहां पहुचाया जाता. इसके बाद प्रति एटीएम दो-दो लाख रुपये डालने की योजना थी. बरामद एटीएम में अगर दो-दो लाख रुपये डाले जाते, तो प्रत्याशियों व कार्यकर्ताओं के पास करीब दो करोड़,पचास लाख रुपये पहुंच जाते. पकड़े जाने के बाद इनकी योजना पर पानी फिर गया.
40 हजार का लालच दिया
सद्दाम ने पुलिस को बताया कि बुधवार की सुबह सात बजे गुलटुन उसके घर आया. उसने पंद्रह दिनों के लिए स्कार्पियों को भाड़ा पर देने की मांग की. इसके लिए प्रति दिन एक हजार रुपये व खपत होनेवाली डीजल देने की बात कही थी. गुलटुन ने उससे सबसे पहले दरभंगा ले चलने को कहा था. साथ ही दरभंगा पहुंचा देने पर चालिस हजार रुपये बतौर इनाम देने की बात भी कही थी. इनाम के लालच में सद्दाम ने भाड़े पर चलने की बात स्वीकार ली. उसने गाड़ी मालिक खैरवा थाना के मणिकपुर निवासी मो राजू से इजाजत लेकर गुलटुन,लालबाबु व उसके एक अन्य मित्र के साथ चल दिया. गाड़ी के ऑनर बुक पर उड़ीसा के सोमापाली का पता अंकित है. ऑनर का नाम मो राजू ही अंकित है.
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