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जमानत पर छूटे अपराधियों पर लगेगी लगाम

मुजफ्फरपुर : सजा मिलने के बाद भी ऊपरी अदालत में अपील कर छुट्टा घूम कर अपराध करनेवाले अपराधियों पर अब लगाम लगाने की तैयारी शुरू हो गयी है. अपराध अनुसंधान विभाग के पुलिस महानिरीक्षक (अभियाेजन) ने अपील से संबंधित कांडों के शीघ्र निष्पादन के लिए त्वरित निष्पादन कोषांग के गठन का निर्देश राज्य के सभी […]

मुजफ्फरपुर : सजा मिलने के बाद भी ऊपरी अदालत में अपील कर छुट्टा घूम कर अपराध करनेवाले अपराधियों पर अब लगाम लगाने की तैयारी शुरू हो गयी है. अपराध अनुसंधान विभाग के पुलिस महानिरीक्षक (अभियाेजन) ने अपील से संबंधित कांडों के शीघ्र निष्पादन के लिए त्वरित निष्पादन कोषांग के गठन का निर्देश राज्य के सभी जिलों के एसएसपी व एसपी व रेल एसपी को दिया है. मुजफ्फरपुर में इसके गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है.
बीस वर्षों से लंबित हैं कई मामले
मुजफ्फरपुर ही नहीं, पूरे राज्य में वर्ष 1985 से ही त्वरित अपील से संबंधित कई मामले लंबित हैं. कांडों के स्पीडी ट्रायल भी यहां ससमय नहीं हो पा रहा है. इसका लाभ अपराधियों को मिल रहा है. कांडों का त्वरित निष्पादन नहीं होने से अपराध दर में लगातार वृद्धि हो रही है. न्यायालयों में कांडों के निष्पादन नहीं होने से बीस वर्षों से यहां 100 से 125 अपील से संबंधित मामले लंबित हैं.
मामलों के लंबित होने का लाभ अपराधियों को मिल रहा है. किसी कांड में जब किसी अपराधी को निचली अदालत से सजा मुकर्रर हो जाती है तो वह ऊपरी अदालत में अपील कर देता है. अभियुक्तों द्वारा सजा से बचने के लिए मामले के निष्पादन में अनावश्यक देरी का प्रयास किया जाता है. अभियुक्त पैरवी कर उपरी अदालत में सुनवाई के लिए मांगी गयी निचली अदालत अभिलेख काे दबाने का कार्य करते हैं. साथ ही लंबी-लंबी तिथियां व बहस भी इसके प्रमुख कारण हैं.
बनाया गया था अभियोजन कोषांग
कांडों के त्वरित निष्पादन के लिए प्रत्येक जिले में अभियोजन कोषांग का गठन किया गया था. छह वर्ष पूर्व अपराध अनुसंधान विभाग (अभियाेजन) के पुलिस महानिरीक्षक आनंद किशोर ने इसका गठन किया था. कांडों के त्वरित निष्पादन, न्यायालय में निर्धारित तिथि पर गवाहों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने, अपर लोक अभियोजकों से सत्र वादों के गवाहों की सूची प्राप्त करने, तकनीकी भूल सुधार के लिए कार्रवाई करने की जिम्मेवारी भी अभियोजन कोषांग पर ही थी. कोषांग में अधिकारी, कर्मचारी व सुविधाओं की घोर कमी के कारण ससमय कार्यों का निष्पादन नहीं हो पाता था.
कोषांग के गठन के बाद स्पीडी ट्रायल के तहत अपराधियों को सजा दिलवाने के लिए हर माह जिलाधिकारी, एसएसपी की बैठक लोक अभियोजक व अपर लोक अभियोजकों के साथ होती थी. लेकिन इधर कुछ माह से बैठकाें का आयोजन नहीं हो रहा है. इससे अनेक मामलों में स्पीडी ट्रायल नहीं हो पा रहा है.
अपराध अनुसंधान विभाग के पुलिस महानिरीक्षक (अभियोजन) के निर्देश पर त्वरित विचारण कोषांग का गठन किया गया है. कोषांग को साधन व सुविधा उपलब्ध कराये जा रहे हैं. कोषांग लंबित कांडों के निष्पादन के लिए विभाग द्वारा दिये गये निर्देशाें के अनुसार कार्य करेगी.
राजीव रंजन, एएसपी
इस कोषांग के गठन से कांडों का निष्पादन ससमय होगा. इससे अपराधियों को सजा मिलेगी. अपराध दर में कमी आयेेगी.
संगीता शाही, अपर लोक अभियोजक

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