वार्ता के बाद डीइओ ने भरोसा दिलाया कि कार्रवाई की जायेगी. ग्रामीणों का आरोप है कि बार-बार आग्रह के बाद भी विद्यालय में भोजन व विकास संबंधी योजनाओं का क्रियान्वयन सही ढंग से नहीं हो रहा है. इसको लेकर ग्रामीणों ने कई बार अधिकारियों को आवेदन दिया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. उनका कहना है कि प्रधानाध्यापिका 30 साल से इस विद्यालय में कार्यरत हैं. उनके शैक्षणिक प्रमाणपत्रों की भी जांच कराने की मांग की गई है.
पांच अगस्त को ग्रामीणों ने हंगामा किया, तो जांच के लिए बीडीओ व डीपीओ मध्याह्न् भोजन वहां पहुंचे. जांच में ग्रामीणों की शिकायत सही पाये जाने पर डीपीओ ने प्रधानाध्यापिका के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की, लेकिन अभी तक मामला लटका हुआ है. इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन अनशन की रणनीति तय कर ली थी. डीएम से मिलने के लिए उप सरपंच अवधेश प्रसाद सिंह के नेतृत्व में आशा देवी, पंच भूषण कुमार सिंह, रमेश कुमार सिंह, ब्रजेश कुमार मणी आदि थे.