मुजफ्फरपुर: निजी कंपनी एसेल को एक नवंबर तक हर हाल में बिजली की कमान सौंप दी जायेगी. पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के अधिकारी निजी कंपनी को सहयोग कर निर्धारित तिथि पर टेक ओवर करायेंगे.
इसमें किसी तरह का बहाना नहीं चलेगा. उक्त निर्देश मंगलवार को मुख्य सचिव एके सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अधिकारियों को दी. उन्हें बताया गया कि एक नवंबर बिजली बोर्ड का स्थापना दिवस है. अच्छे मुहूर्त से मुजफ्फरपुर की बिजली निजी कंपनी के हवाले किया जायेगा.
उधर, राजस्व वसूली कम होने पर सख्त हिदायत देते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि इस स्थिति में जिले को फूल लोड बिजली देना संभव नहीं होगा. अब राजस्व वसूली के अनुपात में ही बिजली आपूर्ति की जायेगी. राजस्व वसूली का फीडर वार आकलन होगा. जिस फीडर से अधिक राजस्व आयेगा, उसे अधिक आवंटन मिलेगा. जिस फीडर से पैसा नहीं आयेगा, बिजली की कटौती होगी.
औसत बिल के आधार पर हो रही राजस्व वसूली पर नाराजगी जाहिर करते हुए मुख्य सचिव ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया कि हर हाल में अगले महीने से शत प्रतिशत मीटरिंग के साथ बिलिंग होनी चाहिए. इसमें कोताही बरतने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई होगी. जिन लोगों का बिजली जमा नहीं करने के कारण विद्युत विच्छेद कर दिया गया है. उनके घर की जांच होगी. इस तरह की जानकारी मिल रही है कि जिनका कनेक्शन कट गया है, वहां विभागीय कर्मियों के मिलीभगत से अवैध तरीके से बिजली जलाया रहा है.