मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि में कॉपी खरीद में अनियमितता की जांच कर रही बीबी लाल कमेटी ने कुलपति डॉ रवि वर्मा, पूर्व कुलपति डॉ विमल कुमार, पूर्व कुलसचिव डॉ विभाष कुमार यादव व डॉ एपी मिश्र एवं परीक्षा नियंत्रक डॉ अरुण कुमार सिंह को राजभवन तलब किया है. वहां ये सभी अपना-अपना पक्ष रखेंगे.
इससे पूर्व कमेटी मामले के शिकायतकर्ता महंथ राजीव रंजन दास व अशोक चौधरी का पक्ष सुन चुकी है. कमेटी को दो माह के भीतर जांच पूरी कर उसकी रिपोर्ट राज्यपाल को सौंप देनी है.
वर्ष 2011 में तत्कालीन कुलपति डॉ विमल कुमार के समय विवि ने केंद्रीय भंडार एजेंसी पटना से स्नातक पार्ट वन की परीक्षा को कंप्यूटराइज्ड करने के लिए अनुबंध किया था. इससे पूर्व तत्कालीन कुलसचिव डॉ विभाष कुमार यादव के नेतृत्व में अधिकारियों की एक कमेटी के समक्ष एजेंसी ने अपना प्रजेंटेशन दिया था, जिसे कमेटी ने पास कर दिया.
बाद में कुलपति के निर्देश पर डॉ विभाष कुमार यादव की जगह कुलसचिव बने डॉ एपी मिश्र ने एजेंसी के साथ करार पर हस्ताक्षर किया. महंथ राजीव रंजन दास व अशोक चौधरी ने इस अनुबंध पर सवाल उठाते हुए राज्यपाल से शिकायत दर्ज करायी थी.
उनके अनुसार तत्कालीन कुलपति डॉ विमल कुमार व कुलसचिव डॉ एपी मिश्र के कार्यकाल में ओएमआर शीट के नाम पर 26.50 रुपये प्रति कॉपी की खरीद की गयी, जबकि इस कॉपी व दिशा इंटरप्राइजेज की ओर से उपलब्ध करायी गयी कॉपी में कोई खास अंतर नहीं था. इससे विवि को वित्तीय नुकसान का सामना करना पड़ा है.
शिकायत के आलोक में राज्यपाल ने मामले की जांच के लिए एक सदस्यीय बीबी लाल कमेटी का गठन कर उसे दो माह के अंदर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया. इधर स्नातक पार्ट वन के रिजल्ट के दौरान एजेंसी के साथ हुए विवाद के बाद कुलपति डॉ रवि वर्मा ने भुगतान पर रोक लगा दी थी. इसके विरुद्ध एजेंसी ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की, जिसकी फिलहाल सुनवाई चल रही है.