मुजफ्फरपुर : जिले में दवाओं के लगातार बढ़ते कारोबार में डॉक्टरों की मुख्य भूमिका है. डॉक्टर यदि सस्ती दवा लिखे तो मरीजों को बीमारी से छुटकारा पाने में कर्म खर्च करना पड़े. लेकिन ऐसा नहीं होता. जिले में बढ़ते कारोबार का मुख्य कारण बड़ी देशी विदेशी दवा कंपनियों का यहां दवाओं की खपत है.
कई बड़ी कंपनियों ने अपना टार्गेट फिक्स कर रखा है. वे जिले में दवाओं की खपत के लिए जी तोड़ मेहनत करते हैं. इसके लिए कंपनियों के एमआर कंपनी की ओर से दी जा रही सुविधाओं से डॉक्टर को अवगत कराते हैं. सच पूछा जाये तो बड़ी कंपनियों का ही जिले के बाजार पर कब्जा है.
डॉक्टर भी ऐसी ही कंपनियों की दवा लिखते हैं, जिसमें उनका ज्यादा फायदा हो. जबकि उन दवाओं का असर उतना ही होता है. दवा विक्रेता संदीप कहते हैं कि बाजार में सस्ती दवाओं की मांग कहां है. हमलोग वैसी ही दवा रखते हैं, जिसकी बिक्री होती है. मरीज पुरजे पर लिखी दवाएं ही मांगते हैं.