मुजफ्फरपुर/पटना.मानवाधिकार आयोग ने मुजफ्फरपुर के रिमांड होम में किशोर रूपेश कुमार की मौत पर उसके परिजनों को तीन लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश सरकार को दिया है. 17 अगस्त 2014 को पिटाई से उसकी मौत हो गयी थी. मुजफ्फरपुर के रिमांड होम अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की भी बात कही है. चार […]
मुजफ्फरपुर/पटना.मानवाधिकार आयोग ने मुजफ्फरपुर के रिमांड होम में किशोर रूपेश कुमार की मौत पर उसके परिजनों को तीन लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश सरकार को दिया है. 17 अगस्त 2014 को पिटाई से उसकी मौत हो गयी थी. मुजफ्फरपुर के रिमांड होम अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की भी बात कही है.
चार महीने में मामले की तहकीकात पूरी कर इसकी रिपोर्ट मुजफ्फरपुर एसएसपी को सौंपने को कहा है. मानवाधिकार अयोग के सदस्य नीलमणी ने इस मामले में यह आदेश बुधवार को जारी किया है.
आयोग ने इस संबंध में मुजफ्फरपुर के डीएम और एसएसपी से संयुक्त रिपोर्ट सौंपने को कहा था, जिसके बाद आयोग ने पूरे मामले की सुनवाई की है. समाज कल्याण विभाग के निदेशक को इस मामले में मुख्य रूप से दोषी माना गया है. रिपोर्ट में यह बात सामने आयी है कि किशोर की मौत प्रताड़ना की वजह से हुए हैमरेज के कारण हुई है. 11 जख्म किशोर के शरीर पर पाये गये थे.
सीजेएम के निर्देश पर हुई थी न्यायिक जांच
इस घटना के बाद तत्कालीन सीजेएम के निर्देश न्यायिक जांच हुई थी. जांच में समाज कल्याण के विभाग के अधिकारियों की पूरी लापरवाही उजागर हुई थी. जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि उस किशोर को रिमांड होम में अधिकारियों के समक्ष पीटा गया था. इस रिपोर्ट को बाद में पटना भेजा गया. वहीं बताते चले कि गया रिमांड होम से किशोर अगस्त माह के दूसरे सप्ताह में मुजफ्फरपुर रिमांड होम पहुंचा था. जिस वक्त वह यहां पहुंचा था उस समय उसके शरीर पर पूर्व से ही गहरे जख्म के निशान थे. लेकिन उसका सही से इलाज नहीं हो पा रहा था. जिस दिन उसे सदर अस्पताल में ले जाया गया उस वक्त पुलिस ने उसके बॉडी पर कई जले व कटे के ताजा निशान देखे थे, वहीं शरीर पर कुछ पुराने जख्म भी थे. इस पूरी घटना की पुलिस ने वीडियो रिकॉर्डिग करवाई थी. वहीं इस घटना के बात रिमांड होम के तत्कालीन अधीक्षक धर्मेद्र कुमार को निलंबित कर दिया था.