इस बाबत अस्पताल प्रबंधन ने अहियापुर थाना पुलिस को मामले की जानकारी दी. इसके बाद मौके पर दारोगा रमण कुमार, विश्वमोहन चौधरी व अशोक दास दल बल के साथ पहुंचे. जहां काफी मशक्कत के बाद परिजनों को समझा-बुझा कर शांत किया और मृतक के शव को परिजनों को सौंप दिया. मरीज की मौत के बाद परिजन आक्रोशित हो गये. चिकित्सक व कर्मचारी से उलझने लगे. उनके साथ हाथापाई पर उतर गये. इसी बीच अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर डॉ रास नारायण सिंह आक्रोशितों को समझाने-बुझाने का प्रयास करने लगे. इसी बीच परिजनों ने उनकी पिटाई कर दी.
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मां जानकी अस्पताल में हंगामा, डॉक्टरों को पीटा
मुजफ्फरपुर. बैरिया स्थित मां जानकी अस्पताल में रविवार शाम मरीज की इलाज के दौरान हुई मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया. इसमें मेडिकल ऑफिसर डॉ रास नारायण सिंह की पिटाई भी कर दी. इसके बाद चिकित्सक मौके से फरार हो गये. वहीं, अहियापुर थाना पुलिस के समझाने के बाद परिजन शांत हुए व […]
मुजफ्फरपुर. बैरिया स्थित मां जानकी अस्पताल में रविवार शाम मरीज की इलाज के दौरान हुई मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया. इसमें मेडिकल ऑफिसर डॉ रास नारायण सिंह की पिटाई भी कर दी. इसके बाद चिकित्सक मौके से फरार हो गये. वहीं, अहियापुर थाना पुलिस के समझाने के बाद परिजन शांत हुए व शव को घर ले गये.
जानकारी हो कि, साहेबगंज अहियापुर के राजेंद्र प्रसाद सिंह(50) को शनिवार रात सवा दो बजे मां जानकी अस्पताल में उनके भतीजा ने कराया था. उनके दाहिने हाथ में दर्द था. चिकित्सक ने उन्हें अस्पताल के आइसीयू में भरती कर लिया. इस बीच दोपहर में उनके बड़े पुत्र विकास कुमार सिंह उनसे मिले भी थे. लेकिन, शाम चार बजे चिकित्सक ने उन्हें जानकारी दी कि उनके पिता की हृदय गति रुकने से उनकी मौत हो गयी है. इसके बाद वे सभी आक्रोशित हो गये. अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ जम कर हंगामा करने लगे. कर्मचारियों से धक्का-मुक्की करने लगे.
बोले अस्पताल संचालक. अस्पताल संचालक डॉ धीरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि मरीज को शेफ्टीसीमिया से ग्रस्ती था. वह एक सप्ताह पहले तक शहर के अन्य हड्डी रोग विशेषज्ञ से इलाजरत थे. जब मामला बिगड़ गया तो परिजन आनन-फानन में अस्पताल में भरती कराया. बीमारी की वजह से उसके दाहिने हाथ में इंफ्केशन हो गया था. शाम में हृदय गति रूकने से मौत हो गयी.
परिजनों ने लगाया इलाज में लापरवाही का आरोप. वहीं, मृतक के बड़े पुत्र विकास ने अस्पताल प्रबंधन पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगया है. उनका कहना था कि कर्मचारियों ने उनके छोटे भाई प्रकाश को उनसे मिलने नहीं दिया. वहां से भगा दिया गया. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि उनके पिता की मौत दोपहर में ही हो गयी थी. लेकिन, अस्पताल प्रबंधन ने पैसों की लालच में मौत की सूचना परिजनों को नहीं दिया व झूठा इलाज करते रहा.
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