मुजफ्फरपुर: बोचहां अंचल अंतर्गत मझौली रामदास गांव के दर्जनों महादलित महिला व पुरुषों ने सोमवार को भू हदबंदी(सीलिंग) की जमीन का पर्चा मिलने के बाद भी बेदखल करने की शिकायत जिलाधिकारी से की है. सोमवार को सभी समाहरणालय पहुंचे. लोगों ने डीएम अनुपम कुमार से मिल कर बताया कि मझौली मठ के भू हदबंदी की जमीन का उनलोगों को परचा 1984 से मिला हुआ है.
जमीन हमलोगों के दखल कब्जे में है. सरकार की मालगुजारी रसीद किसी का 2010 व केसी का 2007 तक कटा हुआ है. मझौली मठ की जमीन का हाइकोर्ट के द्वारा ट्रस्ट कायम किये जाने के बाद उनके परचा को रद्द कर दिया गया है, जबकि महंथ राम सुमिरन दास ने भूमाफिया के सांठ गांठ से मठ के 20 एकड़ जमीन को बेच डाला है.
वही दूसरी ओर गरीबों का परचा देकर छीनने का काम हो रहा है. इससे महादलित परिवार के लोग आक्रोशित हैं. गुड्ड राम, विनोद राय, संजय राम, शोभा देवी ने बताया कि हम परचाधारियों की रसीद नहीं काटी गयी तो 20 अक्टूबर से कलेक्ट्रेट में आमरण अनशन पर बैठने को मजबूर हो जायेंगे.