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विवि के परीक्षा संचालन में भी ‘खेल’

मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि की परीक्षाएं इन दिनों विवादों में है. एक तरफ प्रश्न पत्र लीक का मामला अभी सुलझा भी नहीं है कि परीक्षा संचालन में वित्तीय अनियमितता के प्रयास का खुलासा हुआ है. मामला स्नातक पार्ट वन व टू की स्पेशल परीक्षा से जुड़ा है. केंद्राधीक्षक ने परीक्षा से पूर्व दस लाख रुपये […]

मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि की परीक्षाएं इन दिनों विवादों में है. एक तरफ प्रश्न पत्र लीक का मामला अभी सुलझा भी नहीं है कि परीक्षा संचालन में वित्तीय अनियमितता के प्रयास का खुलासा हुआ है. मामला स्नातक पार्ट वन व टू की स्पेशल परीक्षा से जुड़ा है. केंद्राधीक्षक ने परीक्षा से पूर्व दस लाख रुपये एडवांस के रूप में विवि से प्राप्त किये थे.

परीक्षा समाप्ति के बाद उन्होंने 4.18 लाख रुपये का बिल विवि को भेजा. इसमें परीक्षा के दौरान अनुसेवक से लेकर वीक्षक तक के खर्च शामिल हैं. इसमें व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी पायी गयी है. वित्त परामर्शी जीसीएल श्रीवास्तव ने इस पर आपत्ति जताते हुए बिल वापस करते हुए उसमें नियमानुसार सुधार का निर्देश दिया है. आपत्ति वीक्षकों की संख्या व पानी पिलाने वाले अनुसेवक की संख्या पर जतायी गयी है.

19 दिन में 2246 वीक्षक : विवि में 100 परीक्षार्थियों पर छह वीक्षक (एक स्टैंड बाई) रखने का प्रावधान है. पार्ट वन व टू की स्पेशल परीक्षा 19 दिन चली थी. वैसे तो एक दिन को छोड़ कर परीक्षा हॉल के दो कमरे कभी नहीं भरे. बावजूद यदि इन्हें भरा मान लिया जाये तो उन्नीस दिनों में दो पालियों में यहां अधिकतम 30,400 परीक्षार्थी परीक्षा दे सकते हैं. एक दिन सामाजिक विज्ञान ब्लॉक में कुछ छात्रों को बैठाया गया. यदि इनकी संख्या चार सौ भी मान ले, तो परीक्षार्थियों की कुल संख्या 30,800 होती है. अब प्रत्येक सौ परीक्षार्थी पर यदि छह वीक्षक के हिसाब से जोड़ा जाये तो पूरी परीक्षा में इनकी संख्या 1848 होनी चाहिए. लेकिन केंद्राधीक्षक की ओर से भेजे गये बिल में इनकी संख्या 2246 दिखायी गयी है. वैसे सही मायनों में वास्तविक आंकड़ा 1848 से भी कम हो सकता है. कारण स्पेशल परीक्षा में सब्सिडरी परीक्षा के चार ऐसे दिन थे, जिसमें छात्रों की संख्या 100 के आसपास थी.
अनुसेवक की संख्या पर भी आपत्ति : विवि के प्रावधानों के तहत परीक्षा में प्रत्येक पचास परीक्षार्थी पर एक पानी पिलाने वाले अनुसेवक की जरूरत पड़ती है. ऐसे में 30,800 परीक्षार्थियों के लिए अनुसेवक की संख्या 616 होनी चाहिए थी. लेकिन बिल में इनकी संख्या 746 बतायी गयी है. वित्त परामर्शी ने इस पर भी आपत्ति जतायी है.
10,308 परीक्षार्थियों ने लिया हिस्सा
स्नातक पार्ट वन व टू की स्पेशल थ्योरी परीक्षा नौ अक्तूबर से बारह नवंबर तक हुई थी. इसमें पूर्व में स्नातक पार्ट वन व टू की परीक्षाओं में प्रमोटेड छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया. इनकी कुल संख्या 10,308 थी. परीक्षा के लिए विवि परीक्षा हॉल को केंद्र बनाया गया था. यहां दो कमरे में अधिकतम आठ सौ परीक्षार्थियों के बैठने की सुविधा है. लेकिन स्पेशल परीक्षा होने के कारण एक दिन को छोड़ कर कभी भी केंद्र पूरा नहीं भरा. मनोविज्ञान की परीक्षा के दिन छात्रों की संख्या अधिक होने के कारण कुछ छात्रों को सामाजिक विज्ञान ब्लॉक में बैठा कर परीक्षा लेनी पड़ी.
परीक्षा के सारे बिल कर्मचारियों ने बनाये हैं. इसमें मेरी कोई भूमिका नहीं है. यदि बिल में गड़बड़ी है तो उसमें सुधार किया जायेगा. वित्त परामर्शी की आपत्तियों को दूर करने का प्रयास किया जायेगा. यदि बिल गलत है तो विवि उसमें कटौती भी कर सकती है.
डॉ शिवजी सिंह, केंद्राधीक्षक

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