फोटो :: दीपक- विवि गेस्ट हाउस में संगोष्ठी को कर रहे थे संबोधितसंवाददाता, मुजफ्फरपुरशिक्षा की गुणवत्ता में विकास तभी संभव है, जब पाठ्यक्रम आधुनिक व रोजगारपरक हो. यह स्थानीय वातावरण के भी अनुकूल होना चाहिए. सरकार इस दिशा में पहल भी कर रही है. हालांकि शिक्षकों की कमी के कारण यह संभव नहीं हो पा रहा है. यह बातें कुलपति डॉ पंडित पलांडे ने कही. वे मंगलवार को विवि गेस्ट हाउस में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की महानगर इकाई के तत्वावधान में आयोजित संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे. विषय था, बिहार में शिक्षा सुधार हेतु सुझाव. उन्होंने विवि की परीक्षा प्रणाली पर चर्चा करते हुए कहा कि इसमें भी व्यापक बदलाव की जरू रत है. एकेडमिक कैलेंडर लागू करने पर भी उन्होंने जोर दिया. डॉ जयकांत सिंह जय ने शिक्षा के स्तर में गिरावट के लिए संपर्क, संवाद व सहयोग की कमी को जिम्मेदार बताया. डॉ अजय कुमार ने शिक्षा में सुधार के लिए शिक्षक, शिक्षार्थी व शिक्षाविदें को साथ मिल कर पहल करनी चाहिए. कॉलेज इंस्पेक्टर कला डॉ मोहन प्रसाद ने कहा, शिक्षा की गुणवत्ता शिक्षण व परीक्षण की गुणवत्ता से ही निर्धारित होता है. संगोष्ठी को प्राचार्य डॉ अमरेंद्र नारायण यादव, डॉ नवल किशोर प्रसाद सिंह, डॉ शिवदीपक शर्मा, डॉ एके नथानी, डॉ दिनेश पांडेय, डॉ अनिल ओझा, डॉ शिशिर कुमार सहित अन्य शिक्षकों ने भी संबोधित किया. मौके पर अभाविप के संगठन मंत्री अनिल दूबे, राष्ट्रीय कार्य समिति सदस्य केशरीनंदन शर्मा, डॉ विनोद कुमार राय, भारतेंदु कुमार सहित अन्य लोग मौजूद थे.
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पाठ्यक्रम का रोजगारपरक होना जरू री : डॉ पंडित पलांडे
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