मुजफ्फरपुर: एलके बोस पेट्रोल पंप के कर्मचारी अभय सिंह के पुत्र अभिमन्यु की हत्या मामले में पुलिस पंप के कर्मचारियों से पूछताछ करेगी. पुलिस का कहना है कि पंप के स्टाफ मदन जी व राम सिंह सहित अन्य स्टाफ भी अभिमन्यु के लापता होने की बात से अवगत थे. लेकिन जानबूझ कर तीन दिनों तक मामले को छिपाया गया. उसकी हत्या शुक्रवार को ही कर दी गयी थी. पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है.
कॉल डिटेल से खुलेगा राज . पुलिस मृतक के मोबाइल, उसके पिता, पंप मालिक सहित कई लोगों के मोबाइल का कॉल डिटेल खंगाल रही है. बताया जाता है कि कॉल डिटेल से पंप के कई स्टाफ भी लपेटे में आ सकते हैं. इधर, नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज होते ही पंप मालिक व उसकी पत्नी सहित कई कर्मचारी शहर छोड़ कर फरार हो चुके हैं.
पंप मालिक क्यों रफा-दफा करना चाहता था मामला?
नगर पुलिस का कहना है कि मृतक के पिता अभय सिंह ने बयान दिया है कि उस पर बार-बार पंप मालिक पार्थ रंजन बोस मामले को रफा-दफा करने के लिए दबाव डाल रहे थे. यहीं नहीं, उसे पांच सौ रुपये व गाड़ी देकर बेटे के शव का दाह संस्कार कर देने को जबरदस्ती कर रहे थे. लेकिन वह इनकार कर अपने गांव चला गया था. पुलिस का कहना है कि अभय सिंह ने भी पुलिस को सूचना नहीं दी. वह अपने पूर्वी चंपारण के चिरैया स्थित गांव जाकर अपने बेटे के गायब होने की जानकारी पुलिस को दी थी.
इधर, प्रारंभिक छानबीन में सारे सबूत पंप मालिक के खिलाफ मिले है. अभिमन्यु का शव शुक्रवार से ही मोतीझील स्थित कमरे में पड़ा था. उसके शव के बारे में पंप मालिक को जानकारी दी. लेकिन तीन दिनों तक पूरे मामले को पुलिस ने छिपा पुलिस को सही जानकारी नहीं दी. मृतक के पिता व परिजनों को प्रलोभन व धमकी देने का मामला भी पुलिस नहीं समझ पा रही है.