मुजफ्फरपुर: शहरी क्षेत्र में बगैर नक्शा पास कराये एवं सरकारी जमीन पर कब्जा कर अवैध निर्माण करने वाले को अब बख्शा नहीं जायेगा. हाइकोर्ट की सख्ती के बाद पटना के बाद अब मुजफ्फरपुर में प्रशासन सख्त हो गया है. बुलडोजर चला अवैध निर्माण व निगम से नक्शा स्वीकृत कराये बगैर बनाये गये मकान को तोड़ने की प्लानिंग शुरू हो गयी है.
नगर-विकास मंत्री कड़ा निर्देश जारी किया है. मंगलवार को नगर विकास मंत्री सम्राट चौधरी के निर्देश पर विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी मुमुक्षु कुमार चौधरी ने नगर आयुक्त को पत्र अवैध निर्माण करने वाले लोगों को चिह्न्ति करने का निर्देश दिया है. साथ ही इसके खिलाफ सख्ती से अभियान चलाने को कहा है. मंत्री ने प्रत्येक सप्ताह के शनिवार व रविवार को अभियान चला सड़क किनारे से अतिक्रमण हटाने व अवैध निर्माण करने वाले लोगों को नोटिस देकर कार्रवाई करने को कहा है. इसके बाद हर सप्ताह के मंगलवार को इसकी रिपोर्ट विभाग को भी भेजना है.
छठे वेतनमान के फैसले पर किचकिच
मुजफ्फरपुर. नये वर्ष से निगम कर्मचारियों को छठा वेतनमान देने का एजेंडा बोर्ड से पारित हो गया, लेकिन इस पर बैठक के बाद मेयर कैबिनेट का जारी किचकिच बरकरार है. सोमवार की रात तक बोर्ड की बैठक में छठा वेतनमान देने की घोषणा करने से साफ इनकार करने वाली महापौर अब नये वर्ष से कर्मचारियों को इसका लाभ देने के पक्ष में है. महापौर वर्षा सिंह ने नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा को पत्र लिख कहा कि उन्हें सदस्यों द्वारा छठा वेतनमान देने के लिए अधिकृत किया गया है. इसके बाद वे बैठक में नये वर्ष से लाभ देने की घोषणा की, लेकिन उन्हें कर्मचारियों को इसका लाभ देने से पहले इस पर होने वाले खर्च की जानकारी लेना आवश्यक है. इसके लिए मेयर ने नगर आयुक्त से नौ बिंदुओं पर जवाब देने को कहा है.