मुजफ्फरपुर: जनता दरबार में आये मामलों को गंभीरता से नहीं लेने पर डीएम ने सिविल सजर्न सहित आधा दर्जन से अधिक अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है. जबकि जिला कल्याण पदाधिकारी का वेतन अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है.गुरुवार को जनता दरबार में सुनवाई करते हुए डीएम अनुपम कुमार ने लंबित मामलों पर नाराजगी जतायी. साथ ही उन्होंने अधिकारियों को जन शिकायत के निष्पादन में शिथिलता नहीं बरतने की चेतावनी दी है.
इनसे मांगा जवाब
जिन अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है उनमें विशेष भू-अजर्न पदाधिकारी गंडक योजना, जिला शिक्षा पदाधिकारी, अंचलाधिकारी औराई, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी, विशेष भू-अजर्न पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी मोतीपुर व अंचलाधिकारी बंदरा शामिल हैं. जिला कल्याण पदाधिकारी का वेतन बंद कर दिया है.
उमड़ी फरियादियों की भीड़
उमस भरी गरमी के बावजूद जनता दरबार में फरियादियों की भीड़ उमड़ी. कुल 222 शिकायतों का निष्पादन किया गया. गायघाट प्रखंड के जांता पैक्स अध्यक्ष के मामले की सुनवाई के क्रम में रिपोर्ट भ्रामक होने व अपूर्ण होने पर सीओ को प्रतिवादी पर प्राथमिकी दर्ज कराने के निर्देश दिये गये हैं. मुशहरी प्रखंड के शिवचंद्र सिंह के शिकायत पत्र पर डीएम ने मामले को अति गंभीर बताते हुए डीएसपी पूर्वी को एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट देने को कहा.
मड़वन के खलीलपुर एवं टुन टुन कुमार प्रखंड पारु के गांव खदेरपुर के प्रतिवेदन नहीं देने पर जिला शिक्षा पदाधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा है. कुढ़नी प्रखंड के खरौना डीह निवासी के मामले में भूमि सुधार उपसमाहर्ता पश्चिमी एवं थानाध्यक्ष कुढ़नी से रिपोर्ट प्राप्त नहीं होने पर कड़ी चेतावनी दी गयी है. जनता दरबार में डीडीसी प्रणव कुमार, अपर समाहर्ता धनजंय ठाकुर सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे.