मुजफ्फरपुर: मोबाइल की क्लोनिंग कर ठगी करने वाला रंजन मिश्र चार साल से इस धंधे में सक्रिय था. मंगलवार को सदर अस्पताल में एसटीएफ के डीएसपी अभय नारायण सिंह व मध्य प्रदेश पुलिस के अधिकारियों ने उससे लगभग दो घंटे तक पूछताछ की. उसने बताया कि वह मैट्रिक पास है. गया जिले के जिला स्कूल से उसने परीक्षा पास की थी.
2001 में वह पटना के ब्रजेश से परिचय होने के बाद गिरोह तैयार कर वह ठगी का धंधा करने लगा था. पुलिस ने उसके इमेल एकाउंट का भी खंगाला, लेकिन कुछ खास हाथ नहीं लगा है. वह पुलिस को इमेल का पासवर्ड बताने में आनाकानी कर रहा था.
पुलिस का कहना है कि उसके बैंक खाते की जांच की जा रही है. उसके पर्सनल एकाउंट के बारे में पता किया जा रहा है. ठगी करने के लिए गिरोह ने अलग-अलग बैंक में खाता खुलवा रखा है, लेकिन उसमें पैसा डालते ही गिरोह के सदस्य निकाल कर पर्सनल एकाउंट में डाल लेते है.
फोटो लेकर आयी थी एमपी पुलिस
पांच राज्यों की पुलिस रंजन को तलाश रही थी. लेकिन उसके बारे में किसी को जानकारी नहीं थी. एमपी पुलिस केवल उसका फोटो लेकर मुजफ्फरपुर में दस दिन से डेरा डाले हुए थे. फोटो के आधार पर उसकी गिरफ्तारी में पुलिस जुटी थी. कई दिनों बाद पता चला कि वह मिठनपुरा इलाके में रह रहा है. करोड़ों की ठगी कर चुका रंजन पर एमपी, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल , बिहार व झारखंड में मामला दर्ज है. उसके पास से बरामद लैपटॉप, दस मोबाइल, कई कागजात को पुलिस खंगाल रही है. पटना के भी सचिवालय थाना सहित कई थानों की पुलिस उसे तलाश रही है.