मुजफ्फरपुर: एमपी के डीजीपी सुरेंद्र सिंह के सरकारी मोबाइल की क्लोनिंग से ठगी कर कई माह से फरार रंजन मिश्र को विशेष पुलिस टीम ने मिठनपुरा थाना क्षेत्र के जगदीशपुरी लेन नंबर एक से उसके साथी आलोक कुमार के साथ गिरफ्तार कर लिया है. उस पर पटना के भी सचिवालय, गांधी मैदान सहित कई थानों में मामला दर्ज है. देर रात तक पुलिस उससे पूछताछ में जुटी थी.
जानकारी के अनुसार, रंजन मिश्र मूल रूप से गया जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र के सीढ़िया घाट का रहने वाला है. वही उसके साथ गिरफ्तार आलोक बेगुसराय का है. एसएसपी रंजीत कुमार मिश्र ने बताया कि कई ठगी की घटनाओं को अंजाम देने के बाद रंजन मिठनपुरा इलाके जगदीशपुरी लेन नंबर एक में एक किराये के मकान में रह रहा था. उसे पकड़ने के लिए मध्य प्रदेश पुलिस की एटीएस टीम कई दिनों से मुजफ्फरपुर में ही कैंप कर रही थी.
रविवार की शाम जानकारी मिलते ही एक टीम का गठन किया गया, जिसमें नगर थानाध्यक्ष सुनील कुमार शर्मा, मिठनपुरा थानाध्यक्ष किरण कुमार, दारोगा नसीम अहमद, एसटीएफ के मुकेश कुमार, एसआइ संजय प्रसाद सहित अन्य शामिल थे. पुलिस टीम ने रंजन को पकड़ने के लिए जैसे ही मकान घेरा, वह पुलिस को देख दो मंजिला मकान से दूसरे की छत पर कूद गया. लेकिन पुलिस ने खदेड़ कर उसे पकड़ लिया. पुलिस का कहना था कि दो मंजिल से दूसरे मकान की छत पर कूदने से उसका पैर टूट गया है. देर रात उसे सदर अस्पताल में भरती कराया गया है. इधर, उसके घर की तलाशी लेने के क्रम में कई आपत्ति जनक सामान बरामद किया गया है. एसएसपी का कहना है कि वह मोबाइल फोन पर आवाज बदल कर पैसे की ठगी करता था. उससे पूछताछ की जा रही है.
पूर्व थानाध्यक्ष को लगा चुका है चूना . रंजन ने पूर्व ब्रह्नापुरा थानाध्यक्ष एसके शशि को भी दस हजार रुपये का चूना लगा चुका है. पुलिस का वरीय अधिकारी बन कर उसने दो बार पांच-पांच हजार रुपये की ठगी उनसे कर चुका है. हालांकि उस पर थानाध्यक्ष ने मामला दर्ज नहीं कराया था. पूछताछ में पता चला है कि वह अक्सर कमजोर अधिकारी को तलाशता था. उसे किसी बड़े अधिकारी के मोबाइल के क्लोन से फोन कर पैसा जमा करने को कहता था.
डीजीपी के मोबाइल की कर थी ली क्लोनिंग
शातिर रंजन ने एमपी के डीजीपी के मोबाइल की क्लोनिंग कर ली थी. उनके मोबाइल की क्लोनिंग कर उसने एक डीएसपी से लाखों रुपये की ठगी कर ली थी. बताया जाता है कि वह अब तक करोड़ों रूपये की ठगी कर चुका है. अक्सर वह मोबाइल की क्लोनिंग कर संबंधित अधिकारी बन कर अधिनस्थ को फोन कर एकाउंट में पैसा जमा करा लेता था.