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कैदियों के बनाये सामान से जेल को 10 लाख की आमदनी

मुजफ्फरपुर: शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा के कैदी अपने हुनर से कुछ नया करते रहते हैं. इसके लिए जेल अधीक्षक व जेलर भी उनकी पूरी मदद करते हैं. कई सामाजिक संगठन भी उनकी मदद करते हैं. इससे सरकार को भी लाभ होता है और कैदी भी अपने परिवार का भरण-पोषण करने में सक्षम हैं. वर्तमान […]

मुजफ्फरपुर: शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा के कैदी अपने हुनर से कुछ नया करते रहते हैं. इसके लिए जेल अधीक्षक व जेलर भी उनकी पूरी मदद करते हैं. कई सामाजिक संगठन भी उनकी मदद करते हैं. इससे सरकार को भी लाभ होता है और कैदी भी अपने परिवार का भरण-पोषण करने में सक्षम हैं. वर्तमान में कुरता पायजामा, हैंडलूम व कपड़ा से कैदी हर साल करीब 10 लाख रुपये का राजस्व सरकार को दे रहे हैं. जेल में पहले इसका उत्पादन होता था, लेकिन अब इसका दायरा बढ़ा दिया गया है.

जेल में कैदियों के बनाये सामान को बाहर भेजा जाता है. कैदियों ने कुछ ही दिन पहले ही अधीक्षक से मांग की थी म्यूजिकल यंत्र मशीन यहीं आ जाय तो भजन व गजल के कैसेट भी तैयार कर बाजार में उतारेंगे. इसके बाद दिल्ली से 1.50 लाख की लागत से म्यूजिकल मशीन मंगायी गयी है. इस काम में उम्रकैद व 10 वर्ष तक की सजायाफ्ता कैदी लगे है. कुछ कैदियों को ट्रेनिंग जा रही है.

कुरता-पायजामा 200 रुपये में
अधीक्षक इफ्तेखार अहमद ने बताया कि जेल में तैयार कुरता-पायजामा 200 रुपये में बेचा जाता है. जेल के बाहर लगे स्टॉल या खादी ग्रामोद्योग से धागा खरीदा जाता है. यहां तैयार कपड़ा व कुरता-पायजामा की कीमत बाजार नें 350 से लेकर 400 रुपये से भी अधिक होती है. उन्होंने बताया कि कढ़ाई में इस्तेमाल धागे से मच्छरदानी भी बनायी जाती है. उन्होंने कहा कि इनरव्हील क्लब की ओर से महिला बंदियों को सिलाई बुनाई की ट्रेनिंग के साथ सिलाई मशीन भी दी गयी. इसके बाद इस काम में महिला बंदी भी लगी हैं.

खादी कपड़े से होती है कमाई केंद्रीय कारा में धागा से कपड़ा तैयार करने वाली मशीन नहीं थी. इससे अधिक काम नहीं होता था. कुछ माह पहले दो लाख की लागत से कपड़ा तैयार करने वाली मशीन मंगायी गयी है. इसके प्रयोग से कपड़े की तैयारी में तेजी आयी है. मशीन से तैयार कपड़ा बिहार के सभी मंडल कारा को बेचा जाता है. इसके अलावा फिनाइल, साबुन, टोकरी, मच्छरदानी, पेंटिंग व मूर्तियां भी राज्य के दूसरे शहरों में भी बेचा जाता है. इसके अलावा जेल में तैयार हैंडीक्रॉफ्ट के सामान भी बाजार में बेचा जा रहा है.

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