मुजफ्फरपुर: युवाओं में फेसबुक-ट्वीटर जैसे सोशल साइट पर खुद को अपडेट रहने का फैशन चल पड़ा है. जहां इसके फायदे हैं वहीं लोगों को नुकसान भी ङोलना पड़ता है. लोग निजी जिंदगी के बारे में ऐसी बातें या तसवीरें शेयर कर डालते हैं, जो बाद में उनके लिए मुसीबत बन जाती है.
कई बार उन्हें अभद्र कमेंट का भी सामना करना पड़ता है. इससे उन्हें मानसिक पीड़ा के दौर से गुजरना पड़ता है. आगे चल कर यह पीड़ा अवसाद का रूप ले लेती है. कुछ ऐसा ही हुआ जयपुर में रह कर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाली खुशी (काल्पनिक नाम) के साथ. उसने खुशी के कुछ लम्हों से संबंधित तस्वीर फेसबुक पर अपलोड क्या किया कि कमेंट्स की बाढ़ आ गयी. इनमें दो-तीन कमेंट इतने भद्दे थे कि खुशी ने अपना सुध-बुध ही खो दिया. इसका असर उसके मानसिक संतुलन पर पड़ा. उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करे.
ऐसे में उसके साथ हॉस्टल में रह रही छात्राओं ने उसे तुरंत अपने घर जाने की सलाह दी. खुशी ने डरते हुए अपने पिता को फोन किया और घर आने की बात कही. पिता ने तुरंत अपने बेटे को उसे लाने को कहा. पिछले दो महीने से वह अपने परिवार के साथ मिठनपुरा में रह रही है. वह धीरे-धीरे अवसाद से उबर रही है. अब वह पहले से काफी ठीक है और उसने फेसबुक का अपना एकाउंट भी बंद कर दिया.
क्या हुआ था छात्र के साथ
खुशी ने बताया कि उसने जो तसवीर फेसबुक पर डाली थी, उसमें फूहड़पन नहीं था. मगर उस तस्वीर पर उसके कुछ करीबी दोस्तों ने ऐसा कमेंट किया जो वह कभी सोच भी नहीं सकती है. कमेंट पढ़ने के बाद उसे खुद से नफरत होने लगी. उसने सोचा भी नहीं था कि कोई इस तरह भद्दा कमेंट भी कर सकता है. ऐसे में उसने मानसिक संतुलन खो दिया. उसे गहरा सदमा लगा और वह होश खो बैठी. साथ पढ़ने वाली छात्रओं ने उसे समझाया और अपने माता-पिता से बात करने की सलाह दी. पिता को घर आने की बात कही. जयपुर से घर आने के दौरान ट्रेन में उसने भाई को सारी बात बतायी. घर वालों ने उसकी पीड़ा को समझा और उसे इस सदमे से बाहर निकालने में उसका पूरा सपोर्ट किया. खुशी कहती है कि किसी को अपने निजी जिंदगी संबंधित कोई भी तसवीर सोशल साइट पर नहीं डालनी चाहिए. विशेषकर किसी युवती व महिला को. किसके मन में क्या चल रहा होता है यह किसी को पता नहीं होता. खुशी ने कहा कि अगर कोई भी बात हो तो उसे अपने अभिभावक को जरूर बतायें ना कि छुपाएं.