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285 पंचायतों में राजस्व कर्मचारी नहीं, भटक रहे जमीन मालिक

मुजफ्फरपुर : जिले के किसानों के लिए मालगुजारी रसीद कटाना, भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र (एलपीसी) लेना और दाखिल खारिज कराना परेशानी का सबब बना हुआ है. वजह राजस्व कर्मचारियों की कमी है. जिले के 385 पंचायतों में से सिर्फ 100 में ही राजस्व कर्मचारी हैं. बाकी 285 पंचायतों में प्रभार से काम चल रहा है. […]

मुजफ्फरपुर : जिले के किसानों के लिए मालगुजारी रसीद कटाना, भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र (एलपीसी) लेना और दाखिल खारिज कराना परेशानी का सबब बना हुआ है. वजह राजस्व कर्मचारियों की कमी है. जिले के 385 पंचायतों में से सिर्फ 100 में ही राजस्व कर्मचारी हैं. बाकी 285 पंचायतों में प्रभार से काम चल रहा है. हर प्रखंड में दो से तीन पंचायत पर एक राजस्व कर्मचारी हैं. नियमत: प्रत्येक पंचायत में एक कर्मचारी होने चाहिए.
कर्मचारी के कार्यालय का ठिकाना नहीं. सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों के बैठने के लिए कोई जगह निश्चित नहीं है. जिले में बनाये गये पंचायत सरकार भवन भी अब तक हस्तांतरित नहीं किये गये हैं. ऐसे में अपनी पसंद के स्थान पर उनका अपना कार्यालय चल रहा है. कई पंचायतों में तो राजस्व कर्मी ने अपना दफ्तर खोल रखा है, जिसमें वे एकआदमी रखते हैं.
इन्हें अटर्नी कहा जाता है. इन्हीं ‘अवैध क्लर्क’ के सहारे जमीन के दाखिल-खारिज से लेकर अन्य महत्वपूर्ण कार्य चलाये जा रहे हैं. जिले में 2014 में अवैध कर्मचारी की धर-पकड़ के लिए अभियान चला था. इसमें कई राजस्व कर्मचारियों पर कार्रवाई भी हुई थी.

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