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मुजफ्फरपुर : शहर में बनने थे 29 सामुदायिक शौचालय एनओसी में फंस गये

मुजफ्फरपुर : शहर में 29 जगहों पर सामुदायिक शौचालय निर्माण के लिए मुशहरी के सीओ से नगर आयुक्त संजय दूबे ने अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) की मांग की है. पिछले 11 माह में छह बार सीओ को नगर आयुक्त ने चिह्नित जगहों की सूची संलग्न कर एनओसी देने के लिए पत्र लिखा है. 12 जून […]

मुजफ्फरपुर : शहर में 29 जगहों पर सामुदायिक शौचालय निर्माण के लिए मुशहरी के सीओ से नगर आयुक्त संजय दूबे ने अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) की मांग की है. पिछले 11 माह में छह बार सीओ को नगर आयुक्त ने चिह्नित जगहों की सूची संलग्न कर एनओसी देने के लिए पत्र लिखा है. 12 जून को जिला विकास एवं अनुश्रवण समिति की बैठक में डीएम ने सीओ को अविलंब एनओसी देने का निर्देश दिया था, लेकिन अभी तक नगर आयुक्त को सीओ ने एनओसी उपलब्ध नहीं करायी है.
नतीजतन जगह चिह्नित होने के बाद भी होने वाले सामुदायिक शौचालय का निर्माण बाधित है. दो अक्तूबर को गांधी जयंती के मौके पर बिहार के कई नगर निकायों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ओडीएफ घोषित किया, जिसमें मुजफ्फरपुर शहर का नाम शामिल नहीं था. इससे नाखुश नगर आयुक्त ने सीओ की कार्यशैली पर टिप्पणी करते हुए सातवीं बार एनओसी देने के लिए पत्र लिखा है.
तीन पोखरिया व महाराजी पोखर का सौंदर्यीकरण भी फंसा
मुशहरी सीओ से एनओसी नहीं मिलने के कारण ही शहर के तीन महत्वपूर्ण पोखरों का भी सौंदर्यीकरण नहीं हो रहा है. जबकि, मंत्री सुरेश शर्मा खुद इसके लिए प्रयासरत हैं.
जिला शहरी विकास अभिकरण (डूडा) से होनेवाले शहर के महाराजी पोखर, ब्रह्मपुरा पोखर व तीनपोखरिया के लिए नगर विकास एवं आवास विभाग के अधीक्षण अभियंता ने तकनीकी स्वीकृति प्रदान कर फरवरी में ही पत्र भेज दिया. करीब सबा तीन करोड़ रुपये इन तीनों पोखरों पर खर्च होने हैं. प्रशासनिक स्वीकृति के लिए डीएम के पास 19 मार्च को संचिका भेजी गयी थी. लेकिन, अब तक डीएम के यहां से प्रशासनिक स्वीकृति नहीं मिल पायी है. बताया जाता है कि डीएम मुशहरी सीओ से पोखरों के सौंदर्यीकरण से संबंधित कार्य कराने को लेकर अनापत्ति प्रमाण पत्र की मांग की गयी है. जो अभी तक अप्राप्त है.
इन जगहों पर बनने हैं सामुदायिक शौचालय
मेयर के खिलाफ मोर्चा
सशक्त स्थायी समिति की प्रोसिडिंग में छेड़छाड़ का आरोप
मुजफ्फरपुर : नगर निगम की सशक्त स्थायी समिति की बैठक के निकाले गये प्रोसिडिंग में छेड़छाड़ करने का मामला प्रकाश में आया है. मीटिंग में लिये गये निर्णय के विपरीत फैसले को प्रोसिडिंग में दर्ज करने से नाराज समिति के नौ में से पांच सदस्य बागी हो गये हैं. पांचों सदस्यों के संयुक्त हस्ताक्षर से मेयर सुरेश कुमार व नगर आयुक्त संजय दूबे को अलग-अलग पत्र लिखा गया है.
मेयर के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए बागी सदस्यों ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है. सदस्यों का कहना हैं कि समिति में सरकार के निर्णय के विरुद्ध निर्णय से भविष्य में अगर कोई गड़बड़ी होती है, तो जिम्मेवार सभी सदस्य होंगे. फिर बैठक के बाद जो प्रोसिडिंग निकाला जाता है, उस पर मेयर व नगर आयुक्त के अलावा सभी सदस्यों का हस्ताक्षर क्यों नहीं होना चाहिए?
सभी सदस्यों का हस्ताक्षर रहने से निकाले गये प्रोसिडिंग में पारदर्शिता रहेगी. इसलिए सभी का हस्ताक्षर अनिवार्य होना चाहिए. इसमें नगर आयुक्त पर भी बिना सशक्त स्थायी समिति के निर्णय के विरुद्ध काम करने का आरोप लगाया है.
इन पांच सदस्यों के हैं हस्ताक्षर :
पार्षद शेरू अहमद के लेटर पैड पर बागी सदस्यों के हस्ताक्षर हैं. इनमें शेरू के अलावा समिति की सदस्य सीमा झा, शोभा देवी, शशि देवी व शबाना प्रवीण के हस्ताक्षर हैं.

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