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मेयर पद से हटने के 11 साल बाद भी कर्मियों में काफी लोकप्रिय थे समीर
मुजफ्फरपुर : अपराधियों के एके-47 का शिकार हुए समीर कुमार ऐसे शख्सियत थे, जिन्हें मेयर पद से हटने के 11 सालों बाद भी निगम के कर्मचारी उन्हें अपना अभिभावक मानते थे. समीर के बाद नगर निगम में तीन-तीन मेयर बनें. बाकी मेयर को कर्मियों की चिंता-फिक्र है या नहीं, लेकिन समीर हर कर्मचारी के बारे […]
मुजफ्फरपुर : अपराधियों के एके-47 का शिकार हुए समीर कुमार ऐसे शख्सियत थे, जिन्हें मेयर पद से हटने के 11 सालों बाद भी निगम के कर्मचारी उन्हें अपना अभिभावक मानते थे. समीर के बाद नगर निगम में तीन-तीन मेयर बनें. बाकी मेयर को कर्मियों की चिंता-फिक्र है या नहीं, लेकिन समीर हर कर्मचारी के बारे में हमेशा हाल-समाचार एक-दूसरे से लेते रहते थे.
1990 से पहले संविदा पर बहाल कर्मियों की सेवा स्थायी कराने के लिए वे अभी भी सरकार स्तर से प्रयासरत थे. बार-बार वे इस मुद्दा को उठाते रहते थे. इस कारण वे मेयर पद से हटने के इतने सालों बाद भी निगम कर्मियों के लोकप्रिय नेता थे. उनकी हत्या से निगम के तमाम कर्मचारी शोक में डूबे हैं.
प्रधान सहायक अशोक कुमार सिंह व सफाई इंचार्ज कौशल किशोर बताते हैं कि उन लोगों को विश्वास नहीं हो रहा है कि उनके प्रिय नेता उनके बीच नहीं हैं. दोनों कर्मचारी उनकी कार्यशैली की चर्चा करते हुए बार-बार भावुक हो जा रहे हैं. कहते हैं पांच सालाें तक वे मेयर रहे. कोई उनका विरोधी नहीं हुआ. शुरू में कुछ लोगों ने विरोध किया, लेकिन उनसे बातचीत करने व उनकी कार्यशैली को देखने के बाद वे सभी उनके दीवाने हो गये.
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