मुजफ्फरपुर : एस्सेल विद्युत वितरण कंपनी और नगर निगम के बीच लंबे समय से करोड़ों के बिजली बिल व होल्डिंग टैक्स को लेकर चल रहा विवाद जल्द ही सुलझ जायेगी. मुख्य सचिव तक मामला पहुंचने के बाद विभागीय अधिकारी इसकी कवायद में जुट गये हैं. सरकार ने नगर विकास एवं आवास विभाग को बकाया बिल […]
मुजफ्फरपुर : एस्सेल विद्युत वितरण कंपनी और नगर निगम के बीच लंबे समय से करोड़ों के बिजली बिल व होल्डिंग टैक्स को लेकर चल रहा विवाद जल्द ही सुलझ जायेगी. मुख्य सचिव तक मामला पहुंचने के बाद विभागीय अधिकारी इसकी कवायद में जुट गये हैं. सरकार ने नगर विकास एवं आवास विभाग को बकाया बिल व होल्डिंग टैक्स का ऑडिट करा इसे सुलझाने का निर्देश दिया है. मुजफ्फरपुर के साथ पटना में भी बिजली बिल व होल्डिंग टैक्स का विवाद चल रहा है.
वहां दोनों विभाग का एक-दूसरे पर बकाया बिल की जांच के लिए ऑडिट टीम बहाल हो गयी है. हालांकि, मुजफ्फरपुर में बहाल होना बाकी है. नवनियुक्त आइएएस नगर आयुक्त संजय दूबे के कार्यभार संभालने के साथ प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद ने उन्हें इसे प्राथमिकता में लेकर काम करने की जिम्मेदारी सौंपी है.
दो बार निगम की बिजली काट चुका है एस्सेल : बकाया बिल को लेकर एस्सेल दो-दो बार नगर निगम की बिजली काट चुका है. तत्कालीन आइएएस नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा के समय पहली बार एस्सेल ने निगम बिल्डिंग व नगर आयुक्त आवास का बिजली कनेक्शन काट दिया था. इस दौरान एक दर्जन जलापूर्ति पंप व कई स्ट्रीट लाइटों का भी कनेक्शन काटा गया था.
इसके बाद तत्कालीन नगर आयुक्त ने सख्ती बरतते हुए एस्सेल पर नगर निगम एक्ट के तहत प्राइवेट रूप से शहर में बिजली सप्लाई कर आमदनी करने व होल्डिंग टैक्स का सालाना लगभग 49 करोड़ निर्धारित कर नोटिस भेज दिया था. इसके बाद से एक-दूसरे के बीच विवाद चलता आ रहा है. दो माह पहले भी एस्सेल ने निगम की बिजली काट दी थी. हालांकि, निगम की सख्ती के बाद फिर बिजली चालू कर दी गयी थी.