मुजफ्फरपुर : स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 की शुरुआत हो चुकी है. कांटी नगर पंचायत का सर्वेक्षण कर केंद्रीय टीम शुक्रवार को वापस लौट गयी. अब आठ जनवरी से मोतीपुर नगर पंचायत का सर्वेक्षण होलेगा. वहां की साफ-सफाई से लेकर पंचायत के लोगों को मिल रही सुविधाओं तक की पूरी जानकारी केंद्रीय टीम लेगी. मुजफ्फरपुर नगर निगम […]
मुजफ्फरपुर : स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 की शुरुआत हो चुकी है. कांटी नगर पंचायत का सर्वेक्षण कर केंद्रीय टीम शुक्रवार को वापस लौट गयी. अब आठ जनवरी से मोतीपुर नगर पंचायत का सर्वेक्षण होलेगा. वहां की साफ-सफाई से लेकर पंचायत के लोगों को मिल रही सुविधाओं तक की पूरी जानकारी केंद्रीय टीम लेगी. मुजफ्फरपुर नगर निगम में दस जनवरी के बाद टीम के पहुंचने की संभावना है. हालांकि, दो-तीन दिनों में तिथि की घोषणा हो जायेगी. इधर, निगम प्रशासन अपने स्तर से तैयारी में तो जुटा है,
लेकिन जनप्रतिनिधियों का सपोर्ट नहीं मिलने से जिस रफ्तार से तैयारी होनी चाहिए, नहीं हो पा रही है. पांच जनवरी को स्वच्छता जागरूकता रैली निकालनी थी, लेकिन ठंड के कारण उसे स्थगित कर दिया गया. नयी तिथि घोषित करने पर कोई फैसला नहीं लिया गया है. इससे दस जनवरी के बाद सर्वेक्षण को पहुंचनेवाली केंद्रीय टीम इन प्वाइंट्स पर सवाल खड़ा कर सकती है. इससे निगम को अच्छा रैंकिंग पाने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
विज्ञापन के अवैध बैनर-पोस्टर हटाने का निर्देश : महापौर सुरेश कुमार ने स्वच्छता सर्वेक्षण के मद्देनजर शहर के चौक-चौराहों व फ्लाइओवर पर जहां-जहां अवैध बैनर-पोस्टर लगे हैं, उन सभी को हटाने का निर्देश दिया है. विज्ञापन शाखा प्रभारी को महापौर ने 24 घंटे के अंदर सभी बैनर-पोस्टर को हटाने को कहा है.
आजकल 90 प्रतिशत बीमारियां स्वच्छता जागरूकता नहीं होने के कारण हो रही हैं. इसका एक सर्वोतम उपाय है खुद को जागरूक करना. अभी का समय डिजिटलकरण का हैं. इसलिए स्वच्छता अभियान के लिए डिजीटलकरण का ही इस्तेमाल कर सकते हैं. कहीं बहुत सारा कचरा जमा है, तो उसकी एक तस्वीर लेकर सोशल मीडिया पर अपलोड करेगें .उसके बाद उस जगह कि सफाई करके फिर उसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर अपलोड करेगें .यह देखकर मेरे जितने दोस्त होगें,उन पर या आस -पास पड़ोस के लोगों पर भी अच्छा प्रभाव पड़ेगा.
प्रोफेसर सतीश कुमार ,लॉ कॉलेज