मुजफ्फरपुर : धुआं फेंकने वाले और प्रेशर हॉर्न वाले वाहनों पर अब सख्त कार्रवाई होगी. इसको लेकर पीयूसी की टीम परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ संयुक्त रूप से स्पेशल ड्राइव चलाकर जुर्माना करेगी. ऐसे वाहनों पर 1000 से 3000 रुपये का जुर्माना किया जायेगा. पटना में हुई विभागीय समीक्षा में सूबे के सभी डीटीओ […]
मुजफ्फरपुर : धुआं फेंकने वाले और प्रेशर हॉर्न वाले वाहनों पर अब सख्त कार्रवाई होगी. इसको लेकर पीयूसी की टीम परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ संयुक्त रूप से स्पेशल ड्राइव चलाकर जुर्माना करेगी. ऐसे वाहनों पर 1000 से 3000 रुपये का जुर्माना किया जायेगा. पटना में हुई विभागीय समीक्षा में सूबे के सभी डीटीओ व एमवीआइ को निर्देश दिया गया है. जिसमें कहा गया है कि प्रदूषण कंट्रोल के लिए सख्ती से अभियान चलाया जाये.
साथ ही कार्रवाई का मासिक प्रतिवेदन विभाग को उपलब्ध कराया जाये. इसके अलावा केरोसिन तेल से चलने वाले ऑटो को जब्त किया जायेगा. वहीं जिले के सभी प्रदूषण जांच केंद्रों की जांच पीयूसी व विभाग के अधिकारी संयुक्त रूप से करे. ताकि यह पता चल जिस मशीन से जांच हो रही है वह सही है की नहीं. वाहनों में प्रेशर हॉर्न के उपयोग पर सख्ती से रोक लगाते हुए इसे बेचने वालों पर रोक लगाये. प्रदूषण जांच केंद्रों को दो साल पर पीयूसी से कैलिब्रेशन प्रमाण पत्र मिलता है. लेकिन अब इसकी हर साल जांच होगी.
शहरी क्षेत्र में ई-रिक्शा के परिचालन को बढ़ावा दिया जाये. डीटीओ मो नजीर अहमद ने बताया कि वरीय अधिकारियों के आदेश का सख्ती से पालन होगा.
पीयूसी मशीन
से होगी जांच
प्रदूषण अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट (पीयूसी) की टीम अपनी मशीन से गाड़ी से निकलने वाले धुंआ की जांच करेगी. साथ में परिवहन विभाग के अधिकारी भी रहेंगे, जो जुर्माने की कार्रवाई करेंगे. जांच के दौरान गाड़ी मालिक को ऑन स्पॉट सर्टिफिकेट भी मिलेगा. इधर सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अधिकांश प्रदूषण जांच केंद्र के पास बीएस फोर मॉडल गाड़ी के जांचने की मशीन नहीं है. इसको लेकर टीम के सदस्य इन जांच केंद्रों पर भी कार्रवाई करेंगे.
वहीं 15 साल पुराने निजी वाहनों के री-रजिस्ट्रेशन से पूर्व वाहन की सख्ती से जांच की जायेगी.