मुजफ्फरपुरः करीब दो साल पहले शुरू हुए चंदवारा लाइन को मेडिकल ग्रिड से जोड़ने का काम पूरा हो चुका है. जल्द ही इसे चालू कर दिया जायेगा. करीब सात किमी लंबा चंदवारा के नये 33 केवीए का लाइन खींचा गया है. इससे शहर की आधी आबादी को लाभ मिलेगा. भीषण गरमी में बिजली आपूर्ति व वोल्टेज सुधरने की भी संभावना है. दो साल पहले इस काम की नींव तत्कालीन जीएम ग्यासुद्दीन के समय डाली गयी थी. ग्रिड सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस नये लाइन को जोड़ने के लिए ‘वे’ (सर्किट) एलॉटमेंट कर दिया गया है. बस कुछ ही दिनों में इसे चार्ज कर दिया जायेगा. इस काम को करने में अधिकतम पांच दिन का समय लगेगा व कुछ फीडरों की बिजली कुछ घंटों के लिए बंद करनी पड़ेगी. ऊपर से विभागीय आदेश मिलते ही लाइन चालू कर दिया जायेगा.
इस नये लाइन से एक ओर जहां बेला पावर सब स्टेशन (पीएसएस) का लोड घटेगा. वहीं मेडिकल ग्रिड पर लोड बढ़ेगा. अभी मेडिकल ग्रिड से 33 केवीए के चार फीडर सीआरपीएफ (सीआरपीएफ व बनघारा), कटरा, एमआइटी (एमआइटी व सिकंदरपुर), एसकेएमसीएच (एसकेएमसीएच, मैठी, बंदरा) जुड़ा हुआ है. अब
बहुत जल्द पांचवां 33 केवीए चंदवारा फीडर जुड़ेगा. इससे मेडिकल ग्रिड पर 10-15 मेगावाट बिजली का लोड बढ़ेगा. वहीं इतना ही लोड रामदयालु ग्रिड से घटेगा. ऐसे में रामदयालु ग्रिड से जुड़े अन्य फीडरों को भरपूर बिजली मिलेगी. वहीं आने वाले समय में चंदवारा के इसी नये लाइन से बेला व मिस्कॉट फीडर को भी इससे आपूर्ति की जायेगी.
यह होगा फायदा : चंदवारा फीडर के नये लाइन से बेला सब स्टेशन का लोड कम होगा. अभी बेला शहर की सबसे बड़ी आबादी को बिजली आपूर्ति करता है. बेला सब स्टेशन से बेला, मिस्कॉट व चंदवारा फीडर को बिजली आपूर्ति की जाती है. बेला शहर का सबसे बड़ा फीडर है. करीब एक लाख से अधिक शहरी आबादी को इससे बिजली मिलती है. एक छोटा फॉल्ट बेला सब स्टेशन में होने पर तीन फीडरों की आपूर्ति बाधित हो जाती है, लेकिन अब बेला व मिस्कॉट के फॉल्ट के कारण चंदवारा की बिजली नहीं कटेगी. वहीं जानकारी के अनुसार चंदवारा फीडर को ग्रिड से चालू करने के बाद इसी लाइन से बेला व मिस्कॉट फीडर को भी बिजली आपूर्ति की जायेगी. वहीं रामदयालु ग्रिड से बेला आने वाले 33 केवीए लाइन का नये सिरे विस्तार होगा.