मुजफ्फरपुर: स्टेशन रोड कोर्ट के सामने बिना एस्टिमेट व टेंडर के दुकान का निर्माण शुरू कराने पर बुधवार को नगर निगम में जम कर हंगामा हुआ. दोपहर में कुछ देर के लिए निगम में तनावपूर्ण माहौल हो गया. विकास शाखा के कर्मचारियों व इंजीनियर ऑफिस छोड़ इधर-उधर भागने लगे. दरअसल, दो दिन पहले जिला परिषद […]
मुजफ्फरपुर: स्टेशन रोड कोर्ट के सामने बिना एस्टिमेट व टेंडर के दुकान का निर्माण शुरू कराने पर बुधवार को नगर निगम में जम कर हंगामा हुआ. दोपहर में कुछ देर के लिए निगम में तनावपूर्ण माहौल हो गया. विकास शाखा के कर्मचारियों व इंजीनियर ऑफिस छोड़ इधर-उधर भागने लगे.
दरअसल, दो दिन पहले जिला परिषद के कनीय अभियंता नागेश्वर मंडल की प्रतिनियुक्ति निगम में हुई है. नगर आयुक्त के कहने पर डीएम ने इसका आदेश जारी किया था. योगदान देने के बाद बुधवार को नागेश्वर मंडल ने बिना एस्टिमेट व टेंडर के स्टेशन रोड में छह दुकान बनाने के लिए गड्ढे की खुदाई शुरू करा दी.
ऑफिस आते वक्त डिप्टी मेयर मानमर्दन शुक्ला की इस पर नजर पड़ी. उन्होंने विकास शाखा के कर्मचारी व कार्यपालक अभियंता बिंदा सिंह को बुला दुकान व गेट निर्माण की जानकारी ली. कार्यपालक अभियंता ने इस पर अनभिज्ञता जतायी. उनका कहना था कि उन्होंने किसी भी तरह का एस्टिमेट व टेंडर नहीं किया है. इस पर डिप्टी मेयर भड़क गये. फिर कनीय अभियंता नागेश्वर मंडल को बुलाया गया, लेकिन उन्होंने संतोषजनक जवाब नहीं दिया. इससे स्थिति तनावपूर्ण हो गयी. इसके बाद गड्ढे की खुदाई करा रहे कनीय अभियंता काम रोक मौके से चले गये.
संविदा पर बहाल इंजीनियर के नाम लाखों का भुगतान : नगर निगम में बिना एस्टिमेट व टेंडर के सरकारी योजनाओं का काम धड़ल्ले से जारी है. सरकारी नियम को ताक पर रख संविदा पर बहाल इंजीनियरों के नाम पर लाखों का एडवांस व 80-80 लाख रुपये का चेक काट राशि का भुगतान हुआ है. डीएम, कमिश्नर व सरकार से भ्रष्टाचार से संबंधित साक्ष्य के साथ शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. उल्टे जिला परिषद में करोड़ों रुपये की हुई वित्तीय अनियमितता के मामले में आरोपित कनीय अभियंता नागेश्वर मंडल को जिला प्रशासन ने नगर निगम में विकास योजनाआें की काम के लिए प्रतिनियुक्त की है. इस पर नगर निगम में विवाद शुरू हो गया है.
जेइ को हटाने के लिए कमिश्नर को लिखा पत्र : इस मामाले में डिप्टी मेयर मानमर्दन शुक्ला ने तिरहुत प्रमंडल के आयुक्त को पत्र लिखा है. इसमें जिला परिषद में वित्तीय अनियमितता के आरोपित कनीय अभियंता नागेश्वर मंडल की प्रतिनियुक्त निगम में किये जाने की शिकायत की है. कमिश्नर से कनीय अभियंता की प्रतिनियुक्ति को अविलंब रद्द करने एवं इनकी जगह किसी दूसरे विभाग के ईमानदार इंजीनियर की प्रतिनियुक्ति करने का आग्रह किया है. ताकि, निगम में सरकारी राशि का जो इन दिनों लूट-खसोट हो रहा है. इस पर लगाम लग सके.