मुजफ्फरपुर: नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार व मनमानी का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है. निगम सरकार बने पांच माह होने काे हैं, लेकिन शहर में विकास अबतक रफ्तार नहीं पकड़ सकी है. किसी भी वार्ड में विकास योजनाओं को धरातल पर नहीं उतारा गया है. पांच माह में निगम बोर्ड की मात्र एक […]
मुजफ्फरपुर: नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार व मनमानी का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है. निगम सरकार बने पांच माह होने काे हैं, लेकिन शहर में विकास अबतक रफ्तार नहीं पकड़ सकी है. किसी भी वार्ड में विकास योजनाओं को धरातल पर नहीं उतारा गया है.
पांच माह में निगम बोर्ड की मात्र एक बैठक हुई है. मनमाने तरीके से बिना एस्टिमेट व टेंडर के कुछ चुनिंदा योजनाओं की काम करा उसका भुगतान किया जा रहा है. जलापूर्ति से संबंधित कुछ योजनाओं का काम हुआ है, तो उसमें बड़े पैमाने पर लूट-खसोट हुई है. साफ-सफाई की स्थिति भी ठीक नहीं है. इससे मेयर व डिप्टी मेयर गुट के अधिकतर पार्षदों में आक्रोश है. हालांकि, डिप्टी मेयर खेमे के पार्षदों ने भ्रष्टाचार के खिलाफ फिर से मुहिम छेड़ने की तैयारी शुरू कर दी है. ये पार्षद अगले सप्ताह इस पर कोई बड़ा निर्णय ले सकते हैं. इसकी तैयारी शुरू हो गयी है. इसमें पार्षद रंजू सिन्हा, अजय कुमार ओझा, संतोष महाराज, अभिमन्यु कुमार, हरिओम कुशवाहा, गायत्री चौधरी, विकास कुमार, मो हसन, गीता देवी समेत अन्य पार्षद शामिल हैं.
पहले नगर विकास मंत्री से मिलेंगे, फिर लेंगे निर्णय : डिप्टी मेयर मानमर्दन शुक्ला के नेतृत्व में लगभग दो दर्जन पार्षद अगले सप्ताह नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश शर्मा से मिलेंगे. उन्हें निगम की स्थिति से अवगत करायेंगे. इस दौरान भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सभी पार्षद मंत्री के समक्ष सामूहिक इस्तीफा की पेशकश कर सकते हैं.
वार्ड नंबर 20 के पार्षद संजय केजरीवाल ने निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ इस्तीफा देने का एलान कर दिया है. उन्होंने कहा कि निगम में जो स्थिति है, उससे वार्ड में विकास का कोई काम नहीं हो रहा है. हर काम में बड़े पैमाने पर कमीशनखोरी हो रही है. वरीय प्रशासनिक अधिकारी व सरकार से शिकायत की जाती है, लेकिन भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. ऐसी स्थिति में पार्षद के पद पर रहना उचित प्रतीत नहीं हो रहा है.
निगम में दागी इंजीनियर प्रतिनियुक्त
नगर निगम भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा अड्डा बन गया है. जितने भी दागी व लूट-खसोट करनेवाले इंजीनियर हैं, उनकी निगम में प्रतिनियुक्ति की जा रही है. निगम व शहर के लिए यह अच्छा संकेत नहीं है. जनता में गलत मैसेज जा रहा है. विकास का काम नहीं होने से पार्षद काफी चिंतित हैं. करीब एक दर्जन पार्षदों ने व्यक्तिगत से भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग छेड़ने व मंत्री से मिलने की पेशकश की है. निगम को लूट-खसोट की दुकान बना कर रखी गयी है, इससे अपना शहर कभी भी स्मार्ट नहीं बन सकता है. पार्षदों का जैसा निर्णय होगा, हम उनके साथ हैं.
मानमर्दन शुक्ला, डिप्टी मेयर