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बिना दहेज शादी हमारा संकल्प

बिना तिलक दहेज की शादियों के लिए शहर की कई संस्थाओं का प्रमुख योगदान रहा है. सामाजिक संस्थाएं लगातार ऐसे अभियान में जुटी हुई हैं. इनकी पहल से पिछले कई वर्षों के दौरान सैकड़ों शादियां बिना तिलक-दहेज व आडंबर के हो चुकी है. समाज के सभी वर्ग के परिवारों ने अपने बेटे-बेटियों की शादियां सामूहिक […]

बिना तिलक दहेज की शादियों के लिए शहर की कई संस्थाओं का प्रमुख योगदान रहा है. सामाजिक संस्थाएं लगातार ऐसे अभियान में जुटी हुई हैं. इनकी पहल से पिछले कई वर्षों के दौरान सैकड़ों शादियां बिना तिलक-दहेज व आडंबर के हो चुकी है. समाज के सभी वर्ग के परिवारों ने अपने बेटे-बेटियों की शादियां सामूहिक विवाह आयोजन में करायी है. मौके पर शहर के गण्यमान्य लोग वर-वधू के नये जीवन की कामना करते हैं व उन्हें आशीर्वाद देते हैं. सूबे की सरकार की आेर से जब बाल विवाह पर रोक व बिना दहेज की शादियों के लिए संकल्प कराया गया तो इन संस्थाओं ने भी अपना अभियान तेज कर दिया है. परिचर्चा, व्यक्तिगत संपर्क व सामूहिक प्रयास से लोगों को बेटे-बेटियों को ऐसी शादियों के लिए प्रेरित किया जा रहा है. सामाजिक कार्यकताओं का कहना है कि दहेज के बिना बहुत सारी कन्याएं लंबे समय तक अविवाहित रहती हैं. किसी तरह शादियां भी होती हैं, तो ससुराल में प्रताड़ना झेलनी पड़ती है. सामाज की इन कुरीतियों का उन्मूलन जरूरी है. इसके लिए हम सभी प्रयास कर कर रहे हैं. सामूहिक विवाह में इस तरह की सभी कुरीतियां समाप्त हो जाती हैं. यहां हम ऐसे ही संस्थाअों के कार्यों पर फोकस कर रहे हैं.

सामूहिक शादियां करा रहा आनंद मार्ग

आनंद मार्ग हर वर्ष सामूहिक विवाह का आयोजन कर बिना तिलक-दहेज की शादियां करा रहा है. आनंद मार्ग की ओर से दो वर्ष के अंदर छह शादियां करायी गयी हैं. जिले के प्रधान आलोक कुमार के नेतृत्व में ऐसे शादियों का आयोजन किया जाता है. ऑफिस सेक्रेटरी आनंद मित्रम ने बताया कि हमलोग पहले लोगों को बिना तिलक दहेज की शादियों के लिए लोगों को जागरूक करते हैं. दो या तीन जोड़ी मिलने के बाद शादी की तिथि तय की जाती है. ऐसे आयोजनों की काफी सराहना हो रही है.

बिना दहेज शादी करा रहा बियाहुत समाज

बनारस बैंक चौक स्थित बियाहुत सभा की आेर से अब तक 17 शादियां करायी जा चुकी हैं. इसका सारा खर्च बियाहुत सभा व ट्रस्ट वहन करता है. यहां हर साल सामूहिक शादियां करायी जाती हैं. ट्रस्ट के महामंत्री श्रीकांत चौधरी ने बताया कि बिना तिलक दहेज की शादियों के लिए हमलोग लगातार लोगाें को प्रेरित कर रहे हैं. श्रीकांत ने बताया कि बियाहुत सभा की ओर से निकलने वाली पत्रिका में विवाह योग्य लड़के व लड़कियों का बायोडाटा निशुल्क प्रकाशित किया जाता है. विवाह की सहमति बनने पर वर पक्ष को बिना तिलक दहेज की शादियों के लिए प्रेरित किया जाता है. फिर हमलोग सामूहिक विवाह का आयोजन करते हैं. इस कार्य में ट्रस्ट के अध्यक्ष पूर्व मेयर विवेक कुमार की सक्रिय भूमिका रहती है. सभा के सुजीत चौधरी भी इस कार्य में भागीदारी निभाते हैं.

बिना दहेज अब तक कराया 84 सामूहिक विवाह

बिहार प्रादेशिक मारवाड़ी सम्मेलन ने अब तक 84 सामूहिक विवाह करायी है. समाज को बदलने की दिशा में संस्था के प्रयास की शहर में काफी सराहना हुई है. इसका श्रेय इसके संयोजक अधिवक्ता रमेश कुमार केजरीवाल को जाता है. उनकी मेहनत का परिणाम था कि विभिन्न परिवारों ने एकजुट जोकर शादियों का समर्थन दिया. अधिवक्ता केजरीवाल ने शहर में अभियान 1995 से शुरू की थी. उस वर्ष चतुर्भुज राम मेमोरियल ट्रस्ट में 27 जोड़ों की शादियां करायी गयी. इसके बाद से यह सिलसिला जारी रहा. शादियों का सारा खर्च मारवाड़ी प्रादेशिक सम्मेलन वहन किया करता है. केजरीवाल बताते हैं कि पहले लोगों को विश्वास ही नहीं था कि सामूहिक शादियां हो सकती है, लेकिन जब पहला आयोजन सफल रहा, तो लोगों का विश्वास बढ़ा. पहले आयोजन में संस्था के पास राशि नहीं थी. मैंने एक लाख रुपया लोन लेकर सामूहिक शादियों के कार्य को आगे बढ़ाया. जब लोगों ने चंदा दिया तो लोन वापस किया. बिना तिलक दहेज की सामूहिक शादियों के लिए जुटे हुए हैं. जल्द ही संस्था की ओर से सामूहिक विवाह कराया जायेगा

दहेज जैसी कुरीतियों को दूर करने के लिए की पहल

जन जागृति परिषद व कौंसिल ऑफ कंशस सिटीजन की ओर से जिले में अब तक 60 शादियां करायी गयी हैं. जिले के मादापुर, दरभंगा के अहिल्या स्थान, समस्तीपुर के वृषिणपुर, बेगूसराय के मझौल में सामूहिक शादियां करायी जा रही है. कौंसिल के अध्यक्ष अधिवक्ता अरुण शर्मा कहते हैं कि तिलक-दहेज जैसी कुरीतियों को समाप्त करने के लिए सामूहिक विवाह का आयोजन चार वर्ष पहले शुरू किया गया था, जो निरंतर चल रहा है. हमलोग इसके लिए लगातार प्रयासरत हैं. हमलोगों की सोच है कि आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की बच्चियां दहेज के अभाव में अविवाहित नहीं रहे. उन्हें भी योग्य वर मिले. इसके लिए हमलोग वर पक्ष वालों की सामूहिक रूप से काउंसेलिंग करते हैं. इस कार्य में डॉ एसएन चौधरी, सुबोध कुमार शर्मा, अजय ठाकुर, नागेंद्र मिश्र व सीतामढ़ी के नवल किशोर चौधरी का हमेशा सहयोग मिलता रहता है.

चाणक्य विद्यापति ने करायी दो शादियां

चाण्क्य विद्यापति सोसाइटी पिछले दो वर्षेां से बिना तिलक दहेज के सामूहिक शादियां करा रहा है. बीएमपी छह के समीप स्थित दुर्गा मंदिर में शादियां आयोजित की जाती है. पिछले वर्ष दो शादियां करायी गयी थी. संस्था के अध्यक्ष पं. विनय पाठक कहते हैं कि सामाजिक जागृति के लिए हमलोगों ने अभियान चलाया है. शादियों का खर्च संस्था वहन करती है. हमलोगों ऐसी शादियों के लिए लोगाें को जागरूक कर रहे हैं. हमलोग चाहते हैं कि अधिक- से-अधिक जोड़ों की शादियां हमारी संस्था की ओर से की जाये. हमलोग इसके लिए प्रयास कर रहे हैं.

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