काश अफसर, नेता, विधायक, मंत्री, नौकरी वाले लोगों के बच्चे इन विद्यालयों में पढ़ाई करते, तो शिक्षा की इतनी खराब स्थिति नहीं होती. यह सब असमान शिक्षा व्यवस्था का नतीजा है. गरीबों के बच्चे को दी जानेवाले शिक्षा से उन्हें क्या लाभ होगा? राजकीय मवि माधोपुर सुस्ता के शिक्षक दीपक कुमार बताते हैं कि अगर खुले बाजार में भी किताबें रहतीं, तो गरीब वर्ग के लोग पेट काटकर भी बच्चों के लिए किताब खरीद लाते. लेकिन, बिना किताब पढ़ाई हुई. शिक्षकों ने ब्लैक बोर्ड पर पढ़ाई करायी है. उनका होमवर्क भी पूरा नहीं हुआ. कैसे परीक्षा देंगे? आठवीं कक्षा की नेहा, परवीन, अंजलि आदि छात्राएं बार-बार आकर किताबें के बारे में पूछती थी, लेकिन उन्हें क्या जवाब दें.
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उदासीनता: पांच से 11 अक्तूबर तक होगी सरकारी स्कूलों में परीक्षा, बिना पढ़ाई किये 10.50 लाख छात्र देंगे अर्द्धवार्षिक परीक्षा
मुजफ्फरपुर : किताब आयी नहीं, लेकिन छात्र-छात्राओं के सिर पर परीक्षा का बोझ सवार हो गया. शिक्षा विभाग ने परीक्षा की तिथि निर्धारित कर दी है. पांच से 11 अक्तूबर तक सभी सरकारी व सहायता प्राप्त सरकारी प्रारंभिक स्कूलों में कक्षा एक से आठ तक पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं की परीक्षा होगी. परीक्षा दो पालियों […]
मुजफ्फरपुर : किताब आयी नहीं, लेकिन छात्र-छात्राओं के सिर पर परीक्षा का बोझ सवार हो गया. शिक्षा विभाग ने परीक्षा की तिथि निर्धारित कर दी है. पांच से 11 अक्तूबर तक सभी सरकारी व सहायता प्राप्त सरकारी प्रारंभिक स्कूलों में कक्षा एक से आठ तक पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं की परीक्षा होगी. परीक्षा दो पालियों में होेगी. पहली पाली की परीक्षा 10 से 12 बजे तक होगी. वहीं दूसरी पाली की एक बजे से तीन बजे तक होगी. बिना सिलेबस पूरा किये इतने बच्चों के समक्ष परीक्षा देना चुनौती है.
विभाग ने अर्द्ध वार्षिक में सभी छात्रों को परीक्षा में शामिल होने के लिए अनिवार्य कर दिया है. ऐसे में बिना पढ़े करीब 10.50 लाख छात्र व छात्राएं कैसे परीक्षा देंगे. कक्षा एक में पढ़ने वाले बच्चों का मौखिक मूल्यांकन होगा. इसके बाद सभी परीक्षार्थियों का लिखित रूप से मूल्यांकन होगा. डीपीओ प्रारंभिक शिक्षा सह सर्वशिक्षा अभियान असगर अली बताते हैं कि सितंबर के बाद पुस्तकें आयेंगी. चार अक्तूबर तक किताब आने की संभावना है. परीक्षा पांच अक्तूबर से है. कक्षा दो से आठ तक की परीक्षा के लिए प्रश्नपत्र आ गया है. दो अक्तूबर से प्रश्नपत्र स्कूलों को उपलब्ध होगा.
ब्लैक बोर्ड पर हुई पढ़ाई, होमवर्क भी अधूरा : राजकीय मवि जवाडीह के शिक्षक मुनीलाल सागर बताते हैं कि बिहार में कमजोर वर्ग के बच्चों के साथ मजाक हो रहा है. सातवीं कक्षा में पढ़ने वाले बच्चे अमन, नेहा, अनुष्का, पंकज, शुभम, गांधी कुमार बार-बार किताब की मांग करते हैं, लेकिन इन्हें क्या जवाब दें. परीक्षा इनके सिर पर है.
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