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‘इंद्र’ के बेटे मनीष को तलाश रही सीबीआइ

मुजफ्फरपुर: व्यापमं घोटाले की जांच में जुटी सीबीआइ को ‘इंद्र…’ के बेटे मनीष की तलाश है. पहचान के रूप में उसके पास आरोपित का इपिक कार्ड है. इपिक कार्ड की कुल संख्या 196 है. यह बिहार के 26 जिलों में बने हैं. सीबीआइ के निर्देश पर सभी संबंधित जिलों में इपिक कार्ड के सत्यापन का […]

मुजफ्फरपुर: व्यापमं घोटाले की जांच में जुटी सीबीआइ को ‘इंद्र…’ के बेटे मनीष की तलाश है. पहचान के रूप में उसके पास आरोपित का इपिक कार्ड है. इपिक कार्ड की कुल संख्या 196 है. यह बिहार के 26 जिलों में बने हैं. सीबीआइ के निर्देश पर सभी संबंधित जिलों में इपिक कार्ड के सत्यापन का काम जारी है.

आशंका जतायी जा रही है कि एक ही व्यक्ति ने अलग-अलग जिले में अलग-अलग सरनेम व पता से ये फर्जी इपिक कार्ड बनवाये हैं. हालांकि, सच्चाई इपिक कार्ड के सत्यापन के बाद ही सामने आयेगी. जिन जिलों में इपिक कार्ड का सत्यापन कराया जा रहा है, उसमें मुजफ्फरपुर के अलावा समस्तीपुर, मधुबनी, दरभंगा, सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्वी चंपारण व पश्चिमी चंपारण जिला भी शामिल हैं.

मुजफ्फरपुर में कुल सात इपिक कार्ड की जांच की जा रही है. इसमें से तीन मुजफ्फरपुर विधानसभा क्षेत्र के हैं. वहीं चार अन्य गायघाट, औराई, मीनापुर व सकरा विधानसभा के. अब तक की जांच में पता चला है कि सात में से पांच इपिक कार्ड मनीष कुमार के नाम से बना है. वहीं, एक मनीष कुमार ठाकुर व दूसरा मनीष कुमार झा के नाम से. इनमें से पांच के पिता का नाम इंद्रदेव है. हालांकि, उसके आगे ठाकुर, प्रसाद सिंह, साह जैसे सरनेम लगे हैं. वहीं दो मनीष के पिता का नाम
इंद्रभूषण है, जिनके सरनेम क्रमश: ठाकुर व झा है. फिलहाल बीएलओ के माध्यम से इपिक नंबर पर दिये गये पता के आधार पर उन सभी का सत्यापन करवाया जा रहा है.
पूर्वी चंपारण में एक इपिक रवि राय का भी
बिहार के चीफ इलेक्ट्रॉल ऑफिसर की वेबसाइट पर दूसरे जिलों के इपिक नंबर की जांच की गयी, तो मामला और भी रोचक हो गया. पता चला कि प्राय: इपिक कार्ड मनीष के नाम से बने हैं. हां, सरनेम जरूर बदला हुआ है. किसी में कुमार, किसी में ठाकुर, किसी में झा, किसी में कुमार चौधरी वगैरह-वगैरह अंकित है. सभी मनीष के पिता का नाम भी इंद्र से ही शुरू होता है, जैसे- इंद्रदेव, इंद्रजीत, इंद्रभूषण, इंद्र कुमार. रोचक बात यह है कि सीवान में मनीष सिंह नाम के इपिक कार्ड में पिता या पति के नाम पर एक महिला का नाम अंकित है. पर, उसका नाम भी इंद्रावती देवी है. पूर्वी चंपारण में एक इपिक कार्ड रवि राय के नाम से भी बना है, जिसके पिता का नाम शंभु प्रसाद है. बहुत सारे ऐसे भी इपिक नंबर हैं, जो वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं है. आशंका जतायी जा रही है कि ये स्कैन कर फर्जी तरीके से बनाये गये हैं.

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