मुजफ्फरपुर : बूढ़ी गंडक नदी में आयी बाढ़ से दोनों तटबंध के बीच में करीब एक दर्जन गांव में बसे-बसाये घरों ने जलसमाधि ले ली है. करीब सात हजार से ज्यादा घर पानी दो से 15 फुट तक पानी में हैं. पानी में घरों की जलसमाधि लेने के बाद सैकड़ों पीड़ितों की तटबंधों खुले आसमान […]
मुजफ्फरपुर : बूढ़ी गंडक नदी में आयी बाढ़ से दोनों तटबंध के बीच में करीब एक दर्जन गांव में बसे-बसाये घरों ने जलसमाधि ले ली है. करीब सात हजार से ज्यादा घर पानी दो से 15 फुट तक पानी में हैं. पानी में घरों की जलसमाधि लेने के बाद सैकड़ों पीड़ितों की तटबंधों खुले आसमान में कट रही है. चंद लोगों ने निजी जुगाड़ से प्लास्टिक का आशियाना बना लिया है. कुछ लोग ही घर से तटबंध तक अपने सामान को सुरक्षित पहुंचा सके हैं. बाकी सामान घरों में छूटे रह गये.
बूढ़ी गंडक के उत्तरी तटबंध के अंदर में चकमोहम्मद गांव के विनोद पासवान, कुंदन व कामेश्वर पासवान बताते हैं कि 2007 के बाद पहली बार इतना ज्यादा पानी आया. ज्यादा सामान बरबाद हो गये.
अब्दुल नगर उर्फ माधोपुर में स्लुइस गेट से रिसाब जारी था. इसी के सामने वाले गांव बहादुरपुर के करीब 70 घर पानी में डूब गये हैं. अकबरपुर के गुलाब सहनी, बैद्यनाथ सहनी बताते हैं कि यहां किसी का कुछ नहीं बचा. पटियासा स्लुइस गेट बंद कर दिया गया था. फिर भी पानी का रिसाब हो रहा था.
बहादुरपुर के किशारे सहनी समेत करीब सौ परिवार तटबंध के किनारे बैठकर समय गुजार रहे थे. सुरेश सहनी बताते हैं कि खेती-बाड़ी सब बरबाद हो गयी. हेमंतपुर गांव में बांध पर रह रहे दीपलाल सिंह ने बताया कि ढाब में पानी भर गया है. करीब पांच सौ घर पानी में डूब गया है. इनके भोजन, पानी व आवास का संकट हो गया है.
हेमंतपुर से मिट्टी लेकर चल रहा बचाव कार्य : जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता अभियुदानंद ने बताया कि रजवाड़ा, कोल्हुआ, चकमोहम्मद, नाजिरपुर, कन्हारा, सिकंदरपुर, कमरा मोहल्ला, दादर में तटबंध पर बचाव व सुरक्षा कार्य जारी है. अहियापुर के हेमंतपुर गांव से सीमेंट के बोरे में मिट्टी लेकर इन स्थानों पर तटबंधों को सुरक्षित किया जा रहा है.