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खुदीराम बोस का शहादत दिवस कल

मुजफ्फरपुर : शहीद खुदीराम बोस के 110वें शहादत दिवस पर शहीद की जन्मस्थली मिदनापुर जिले से चार युवक मुजफ्फरपुर सेंट्रल जेल आकर श्रद्धांजलि देंगे. यहां 11 अगस्त, 1908 को खुदीराम बोस को फांसी दी गयी थी. जेल के अंदर खुदीराम बोस को रखे गये सेल व फांसी स्थल पर प्रशासनिक तौर पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि […]

मुजफ्फरपुर : शहीद खुदीराम बोस के 110वें शहादत दिवस पर शहीद की जन्मस्थली मिदनापुर जिले से चार युवक मुजफ्फरपुर सेंट्रल जेल आकर श्रद्धांजलि देंगे. यहां 11 अगस्त, 1908 को खुदीराम बोस को फांसी दी गयी थी. जेल के अंदर खुदीराम बोस को रखे गये सेल व फांसी स्थल पर प्रशासनिक तौर पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी जायेगी. 11 अगस्त की सुबह 3.55 बजे यहां लाेग शहीद के चित्र पर माल्यार्पण करेंगे. इस मौके पर शहीद के जन्मस्थली से प्रकाश हलघर अपने मित्रों के साथ शामिल होंगे. बुधवार को आसनसोल से युवकों को जत्था टाटा-छपरा एक्सप्रेस से मुजफ्फरपुर के लिए रवाना हुआ. 11 अगस्त को शहीद को श्रद्धांजलि देने के बाद युवकों का दल वापस हो जायेगा. प्रकाश के साथ आनेवालों में अनिरुद्ध हलधर, रूबी शंकर महतो, संतोष गाताई शामिल हैं.
मिदनापुर में हर घर से निकाला जाता है दीया: शहीद की शहादत दिवस के मौके पर मिदनापुर जिले में लोगों की श्रद्धा देखते ही बनती है. शहीद के गांव हबीबपुर, सल्ली सहित यहां सभी गांवों में लोग अहले सुबह उठ कर घर में दीप जलाते हैं. शहीद के चित्र पर फूल-माला चढ़ा कर उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है. प्रत्येक घरों में लोग पाक-साफ होकर एक दीया शहीद के नाम से निकालते हैं. उस दिन यहां सरकारी व गैर सरकारी स्तर पर हर जगह श्रद्धांजलि समारोह मनाया जाता है.
प्रकाश बताते हैं कि मिदनापुर जिला अभी भी शहीद खुदीराम बोस को उसी शिद्दत से याद करता है. यहां के बच्चे-बच्चे में शहीद खुदीराम बोस जिंदा हैं.
22 वर्षों से आ रहे हैं प्रकाश हलधर
खुदीराम बोस को श्रद्धांजलि देने पिछले 22 वर्षों से शिक्षक प्रकाश हलधर 10 अगस्त को शहर पहुंच जाते हैं. 11 अगस्त को सेंट्रल जेल में शहीद को श्रद्धांजलि देने के बाद वापस होते हैं. खुदीराम के मिदनापुर जिले के गांव हबीबपुर से 30 किमी दूर सल्ली निवासी प्रकाश ने शहीद खुदीराम बोस स्कूल की स्थापना कर बच्चों को शिक्षित कर रहे हैं. इसमें अधिकतर वैसे बच्चे पढ़ते हैं, जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर होती है.
प्रकाश शहीद को श्रद्धांजलि स्वरूप यह काम कर रहे हैं. इनके इस काम में इनके कई दोस्त सहयोग करते हैं. प्रकाश कहते हैं कि शहीद खुदीराम बोस अमर हैं. वे हमारे खून में हैं. उनके आदर्शों पर चल कर ही हम देश को विकसित बना सकते हैं.

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