मुजफ्फरपुर : डीइओ के पद पर ललन प्रसाद सिंह ने 27 जून को कार्यभार ग्रहण किया. इसके बाद लोग बदलाव की उम्मीद लगाए बैठे हैं. लेकिन 10 दिन बीत गये, अभी तक उनके कार्यालय की कार्यसंस्कृति व व्यवस्था में कोई परिवर्तन नहीं हो सका है. सबकुछ जस का तस है. चाहे वह कर्मचारियों की लेटलतीफी हो, या फिर दफ्तर में बना कूड़ेदान.
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साहब, अपने दफ्तर से ही करें बदलाव की शुरुआत!
मुजफ्फरपुर : डीइओ के पद पर ललन प्रसाद सिंह ने 27 जून को कार्यभार ग्रहण किया. इसके बाद लोग बदलाव की उम्मीद लगाए बैठे हैं. लेकिन 10 दिन बीत गये, अभी तक उनके कार्यालय की कार्यसंस्कृति व व्यवस्था में कोई परिवर्तन नहीं हो सका है. सबकुछ जस का तस है. चाहे वह कर्मचारियों की लेटलतीफी […]
गुरुवार को दोपहर 12 बजे तक कार्यालय में तीन-चार कर्मचारी ही बैठे नजर आये. कुछ छुट्टी पर बताये गये, तो कुछ के बारे में कहा गया कि साहब के साथ कहीं निकले हैं. जो दफ्तर में बैठे थे, उनके पास भी कोई काम नहीं था. दरअसल, पिछले दिनों डीइओ ने राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के कार्यालय में सुबह पौने 11 बजे निरीक्षण करके विभागीय लोगों को यह संदेश देने का भी प्रयास किया था कि लेटलतीफी अब नहीं चलेगी. लेकिन इसका असर होता नहीं दिख रहा. खुद उनके कार्यालय के कर्मचारी ही अभी नहीं बदल सके हैं.
दूसरी ओर, डीइओ कार्यालय के लिपिकों का कक्ष कार्यालय कम, कूड़ाघर ज्यादा लगता है. कुछ महत्वपूर्ण फाइलें आलमारियों में रखी गयी हैं, जबकि कमरे में एक तरफ फाइलों का अंबार लगा है.
कर्मचारियों का कहना है कि वे अपने स्तर से साफ-सफाई करा दें तो कुछ लोग फाइल गायब होने की बात करने लगते हैं. ऐसे में वे कोई रिस्क नहीं लेना चाहते. बताया कि नये साहब के आने के बाद उम्मीद थी कि उनका ध्यान इस ओर जायेगा, लेकिन अभी तक कुछ भी नहीं बदल सका है.
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