मुजफ्फरपुर: सालों से बिजली बिल बकाया रखनेवाले उपभोक्ताओं को अब बिजली जलाना महंगा पड़ सकता है. लीगल नोटिस के बाद भी बिल जमा करनेवालों से एस्सेल सख्ती से निबटेगा. ऐसे उपभोक्ताओं की बिजली काटने के साथ एफआइआर दर्ज करायी जायेगी. दरअसल जिले में 1800 उपभोक्ताओं के पास आठ करोड़ सालों से बकाया है.
इसमें कई रसूखदार भी हैं, जो रौब दिखा कर बिल दबा कर बैठे हुए हैं. इन सभी उपभोक्ताओं को दो महीने पूर्व एस्सेल ने बकाया राशि जमा करने के लिए नोटिस भेजा था, लेकिन पैसे नहीं जमा कराये गये. कंपनी अब बड़े बकायेदार की बिजली काट कर उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने की तैयारी कर रही है. विजिलेंस टीम पुलिस का सहयोग भी लेगी. डिस्कनेक्शन के बाद बिजली जलानेवालों पर अविलंब प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी. पीअारओ राजेश चौधरी ने बताया कि बड़े बकायेदार से सख्ती से बिल वसूला जायेगा. इसके लिए कंपनी कार्ययोजना के तहत काम कर रही है.
दाे महीने से बिजली बिल के लिए टक-टकी : एस्सेल जहां एक ओर ऑन स्पॉट रीडिंग व बिल भुगतान का दावा कर रही है, वहीं दूसरी ओर उपभोक्ता बिजली बिल के लिए दो महीने से इंतजार कर रहे हैं. यह स्थिति एस्सेल के अधीन आनेवाले कमोबेश सभी इलाके की है. लोगों की शिकायत है कि समय से बिल नहीं मिलता है. एसकेएमसीएच सब स्टेशन से जुड़े जीरोमाइल फीडर में कई मोहल्लों में दो महीने से मीटर रीडिंग नहीं हुआ है. मीटर रीडिंग नहीं होने से लोगों पर बिल का भार बढ़ने के साथ सरचार्ज भी देना होता है. बिजली विभाग के एक्ट के अनुसार, बिल डेट के दस दिन पहले उपभोक्ताओं को बिल देना है, लेकिन नियम का पालन नहीं होता है. आलम यह है कि बिल डेट बीत जाने के बाद परचा दिया जाता है. इससे लोगों का बजट बिगड़ जाता है. हालांकि एस्सेल के पीआरओ राजेश चौधरी का कहना है कि मीटर रीडिंग व बिल भुगतान को लेकर कंपनी मुस्तैदी से काम रही है. जिस क्षेत्र में बिल नहीं मिलता है, वहां के वेंडर को पेनाल्टी देना होगा. सुपरवाइजर पर भी कार्रवाई होगी.