संक्रमण. 2017 में मलेरिया से मुक्ति पाना हो रहा मुश्किल
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मुंगेर में कालाजार और मलेरिया ने पसारा पांव
संक्रमण. 2017 में मलेरिया से मुक्ति पाना हो रहा मुश्किल भारत सरकार ने वर्ष 2017 को मलेरिया मुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. लेकिन, मुंगेर में मलेरिया व कालाजार का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है. पिछले चार माह के दौरान मुंगेर जिले में कालाजार के 8 तथा मलेरिया के 11 रोगी पाये गये […]
भारत सरकार ने वर्ष 2017 को मलेरिया मुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. लेकिन, मुंगेर में मलेरिया व कालाजार का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है. पिछले चार माह के दौरान मुंगेर जिले में कालाजार के 8 तथा मलेरिया के 11 रोगी पाये गये हैं, जो चिंता का विषय है.
मुंगेर : कालाजार तथा मलेरिया के मरीजों में लगातार इजाफा हो रहा है़ जिससे वर्ष 2017 में जिले को मलेरिया मुक्त बना पाना काफी मुश्किल सा प्रतीत हो रहा है़ मालूम हो कि मलेरिया एक संक्रामक बीमारी है़ उक्त मरीज को मच्छरों द्वारा काटे जाने पर दोबारा जिसे वह मच्छर काटता है, उसे भी मलेरिया हो सकता है़
वहीं मरीजों की बढ़ती संख्या से मलेरिया का खतरा लगातार गहराता जा रहा है़
जिले का छह प्रखंड मलेरिया प्रभावित: जिले भर के कुल छह प्रखंडों में 29 गांव को मलेरिया प्रभावित घोषित किया गया है़ जिसमें सदर मुंगेर, जमालपुर, धरहरा, टेटियाबंबर, हवेली खड़गपुर तथा बरियारपुर शामिल है़ सबसे अधिक बरियारपुर प्रखंड का 11 गांव तथा सबसे कम टेटियाबंबर के एक गांव में मलेरिया का प्रभाव है़ इस संक्रामक बीमारी से निपटने के लिए हर साल लाखों रुपये खर्च किये जाते हैं, बावजूद लगातार मलेरिया व कालाजार के मरीजों की संख्या बढ़ने की सिलसिला जारी है़
पिछले चार महीने में पाये गये 11 मरीज
महीना कालाजार मलेरिया
जनवरी 1 1
फरवरी 2 1
मार्च 3 4
मई 2 5
कहते हैं मलेरिया इंस्पेक्टर
मलेरिया इंस्पेक्टर संजय विश्वकर्मा ने बताया कि मलेरिया प्रभावित इलाकों में लगातार दवा का छिड़काव जारी है़ अब सिर्फ नगर निगम का शहरी क्षेत्र तथा कुतलुपुर पंचायत बचा हुआ है, जहां दवा का छिड़काव कराया जा रहा है़
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