विशेषज्ञ चिकित्सक व आधुनिक उपकरणों का आभाव
Advertisement
बीमार है पूर्व रेलवे मुख्य अस्पताल
विशेषज्ञ चिकित्सक व आधुनिक उपकरणों का आभाव अंगरेजों के जमाने का है एक्स-रे मशीन जमालपुर : भारतीय रेल के अति महत्वपूर्ण रेल इंजन कारखाना में कार्यरत हजारों रेलकर्मियों व उनके परिजनों को स्वास्थ्य लाभ देने वाला जमालपुर का पूर्व रेलवे मुख्य अस्पताल स्वयं बीमार बना हुआ है. आलम यह है कि यहां चिकित्सकों की कमी […]
अंगरेजों के जमाने का है एक्स-रे मशीन
जमालपुर : भारतीय रेल के अति महत्वपूर्ण रेल इंजन कारखाना में कार्यरत हजारों रेलकर्मियों व उनके परिजनों को स्वास्थ्य लाभ देने वाला जमालपुर का पूर्व रेलवे मुख्य अस्पताल स्वयं बीमार बना हुआ है. आलम यह है कि यहां चिकित्सकों की कमी बनी हुई है, अंगरेजों के जमाने के चिकित्सकीय उपकरणों के सहारे मरीजों का डायग्नोशिश किया जाता है. इतना ही नहीं कई वर्षों से यहां मरीजों की सुविधा के लिए लगाये गये बोर्ड तक को अद्यतन नहीं किया जा सका है और तो और वित्तीय अधिकार वाले मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) के पद को भी सरेंडर करने की साजिश रची जा चुकी है.
बताया गया कि यहां मेल मेडिकल, फिमेल मेडिकल, मेल सर्जिकल, फिमेल सर्जिकल, चिल्ड्रेन वार्ड, मैटरनिटी वार्ड के अतिरिक्त सघन चिकित्सा कक्ष व अधिकारियों के लिए सर्जिकल विभाग तथा मैटरनिटी में एक-एक केबिन है. पूर्व में यहां टीबी वार्ड तथा आइशोलेशन वार्ड भी हुआ करता था. उस समय अस्पताल में कुल बेडों की संख्या 256 हुआ करती थी जो अब मात्र 200 है.
क्षेत्राधिकार में पांच हेल्थ यूनिट :
इसके अलावा भी अस्पताल के क्षेत्राधिकार में अलग-अलग स्थानों पर कुल पांच हेल्थ यूनिट भी अवस्थित है. इनमें से रेल इंजन कारखाना के गेट संख्या एक पर वर्क्स शॉप हेल्थ यूनिट, एइएन कार्यालय पोस्टऑफिस चौक पर ट्रेफिक हेल्थ युनिट के साथ रामपुर रेलवे कॉलोनी, दौलतपुर कॉलोनी तथा कारखाना के गेट संख्या छह पर हेल्थ यूनिट कार्यरत है. बताया जाता है कि इन हेल्थ यूनिटों में भी बेडों की व्यवस्था का प्रावधान है, परंतु वहां एक भी बेड नहीं हैं.
अलबत्ता सभी हेल्थ यूनिटों में डॉक्टरों के साथ ही फार्मासिस्ट एवं अन्य कर्मचारियों की डयूटी लगती है.
विशेषज्ञ चिकित्सकों का टोटा: मुख्य अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों का अभाव बना हुआ है. ऐसी स्थिति गत कई वर्षों से है. वर्तमान में कुल स्वीकृत पद 26 के विरुद्ध मात्र छह स्थायी चिकित्सक ही यहां पदस्थापित हैं. जबकि अनुबंधित चिकित्सकों की संख्या करीब नौ है. जबकि यहां विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी बनी हुई है. जिन विभागों में यहां विशेषज्ञ उपलब्ध हैं, उनमें इएनटी, सर्जन, फिजीशियन तथा डीटीसीडी शामिल हैं. जबकि नेत्र रोग, दांत के रोग, स्त्री रोग, बाल रोग, रेडियोलॉजिस्ट तथा हड्डी रोग विशेषज्ञ चिकित्सक उपलब्ध नहीं है. होमियोपैथ के डॉक्टर तो हैं, परंतु पिछले दो वर्षों से आयुर्वेद के चिकित्सक का पद रिक्त पड़ा हुआ है.
कई अन्य उपकरण की है कमी:
अस्पताल में ब्लड बैंक नहीं है. एक्स-रे मशीन भी ओल्ड मॉडल की है. अल्ट्रासाउंड मशीन भी ब्लैक एंड व्हाइट मॉडल की है. दंत रोग के उपकरण तो हैं, लेकिन डेढ़ वर्षों से विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं रहने पर उनका उपयोग नहीं हो पा रहा. पैथोलॉजी विभाग में थयरॉयड की जांच नहीं होती, इसका सैंपल लेकर बीआरसिंह अस्पताल सियालदह भेज दिया जाता है.
निर्धारित मात्रा से कम दवा की आपूर्ति
रेलवे अस्पताल भेदभाव का शिकार बना हुआ है. इसके कारण यहां निर्धारित मात्रा से कम दवाइयों की आपूर्ति की जाती है. पिछले वित्तीय वर्ष 2016-17 में इस अस्पताल में जीवन रक्षक दवाइयों की कमी को देखते हुए लगभग 93 लाख रुपये की दवाई का एलपी (लोकल परचेज) किया गया था, लेकिन अस्पताल प्रबंधन द्वारा बताया गया कि यहां जितनी प्रकार की दवाइयों की आपूर्ति किये जाने का प्रावधान है, उनमें से मात्र 43 प्रतिशित दवाइयों की ही मुख्यालय से आपूर्ति की गई थी. मरीजों के प्राण की रक्षा के लिए बड़ी मात्रा में एलपी किया गया था.
अस्पताल की स्थिति
कुल बेडों की संख्या : 200 (पूर्व में थी 256)
कुल वार्डों की संख्या : 07 (पूर्व में थी 09)
कुल हेल्थ यूनिट : 05
ब्लड बैंक : उपलब्ध नहीं
दवाई की आपूर्ति : मात्र 43 प्रतिशत
चिकित्सकों के स्वीकृत पद : 26
स्थाई चिकित्सक : मात्र 06
अनुबंधित चिकित्सक : मात्र 09
बिजली का विकल्प : कोई नहीं
दवाई का बजट : 1.60 करोड़ (वार्षिक)
कुल सात वार्ड में 200 बेड
जमालपुर : अस्पताल प्रबंधन की सुस्ती का आलम यह है कि वहां ओपीडी में मरीजों व उनके परिजनों की सहायता के लिए लगाये गये सूचनात्मक डिस्पले बोर्ड को पिछले लगभग पांच से अधिक वर्षों से अप-डेट नहीं किया गया है. डिस्पले बोर्ड पर उन डाक्टरों के नाम अब तक अंकित हैं, जिनका रिटायरमेंट या तो कई वर्ष पहले ही हो चुका है अथवा वे कई वर्षों पहले ही यहां से अन्यत्र स्थानांतरित हो चुके हैं.
अस्पताल में नेत्र, दांत, महिला तथा बाल रोग विशेषज्ञ की कमी है. रेडियोलॉजिस्ट तथा हड्डी रोग विशेषज्ञ का पद यहां स्वीकृत नहीं है. विशेषज्ञ चिकित्सकों के बारे में मुख्यालय को लिखा गया है, जल्द ही विशेषज्ञ चिकित्सक यहां मिलने वाले हैं.
डॉ आरके सिन्हा, प्रभारी सीएमएस
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement