उपद्रवियों के विरुद्ध प्राथमिकी तो होती है दर्ज, नहीं होती कार्रवाई
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मुंगेर में बार-बार होती है सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश
उपद्रवियों के विरुद्ध प्राथमिकी तो होती है दर्ज, नहीं होती कार्रवाई मुंगेर : मुंगेर की धरती गंगा-यमुनी संस्कृति को धारित करती रही है और यहां सभी धर्म एवं मजहब के लोग आपसी प्रेम व सौहार्द के साथ रहते हैं. लेकिन हाल के वर्षों में बार-बार उपद्रवी तत्वों द्वारा इस सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश की […]
मुंगेर : मुंगेर की धरती गंगा-यमुनी संस्कृति को धारित करती रही है और यहां सभी धर्म एवं मजहब के लोग आपसी प्रेम व सौहार्द के साथ रहते हैं. लेकिन हाल के वर्षों में बार-बार उपद्रवी तत्वों द्वारा इस सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश की जाती है. हर बार प्रशासनिक कार्रवाई से मामले को शांत किया जाता है और उपद्रवियों के विरुद्ध पुलिस में प्राथमिकी भी दर्ज होती है. लेकिन उसके विरुद्ध ठोस कार्रवाई नहीं होती. फलत: बार-बार प्रेम व सौहार्द को बिगाड़ने का कुचक्र चलता रहता है.
चार दिन पूर्व वासुदेवपुर ओपी क्षेत्र के नयागांव एवं मुफस्सिल थाना क्षेत्र के शंकरपुर गांव के लोगों के बीच मारपीट की घटना ने ऐसा रंग लिया कि सड़क जाम, पथराव व गोलीबारी तक की गयी. सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की भरपूर कोशिश हुई. लेकिन प्रशासनिक सूझबूझ व धैर्य ने स्थिति को नियंत्रित किया और अब स्थिति पूरी तरह सामान्य हो चुकी है. लेकिन मुंगेर पुलिस इस बिंदु पर गहन पड़ताल कर रही कि आखिर बार-बार ऐसी स्थिति क्यों उत्पन्न होती है. पिछले एक वर्ष के दौरान चार बार सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ा और स्थिति को नियंत्रित करने में प्रशासन को मशक्कत करनी पड़ी. मुंगेर के पुलिस अधीक्षक आशीष भारती मानते हैं कि यहां कुछ ऐसे तत्व हैं जो ऐसे मौकों पर दोहरा चरित्र अपनाते रहे हैं. एक ओर उपद्रवियों को उकसाते हैं तो दूसरी ओर प्रशासन के समक्ष सांप्रदायिक सौहार्द बनाये रखने की दुहाई देते हैं. ऐसे तत्वों की पहचान जरूरी है. वैसे उन्होंने कुछ तत्वों की पहचान भी कर ली है.
जिन मामलों में हुए विवाद
जनवरी 2016 : कोतवाली थाना क्षेत्र के कटघर मुहल्ले में बच्चों के बीच विवाद हुआ था. जिसे कुछ असमाजिक तत्वों ने सांप्रदायिक रूप देने का प्रयास किया. तीन दिनों तक मुंगेर शहर की स्थिति काफी तनावपूर्ण बनी रही और दर्जनों स्थानों पर एसटीएफ, जिलाबल, बीएमपी के महिला-पुरुष जवानों की तैनाती करनी पड़ी थी.
मार्च 2016 : शहर के गुलजार पोखर में चंदा मांगने के विवाद में एक दुकानदार की पिटाई की गयी थी. जिसे असमाजिक तत्वों ने अलग ही रूप दे दिया. रात में दोनों पक्ष के बीच जमकर पथराव व बम विस्फोट भी किया गया था. बाद में पुलिस व प्रशासन के सहयोग से स्थिति को संभाला गया.
फरवरी 2017 : शहर के शास्त्रीनगर में एक सेंटरिंग मिस्त्री की मौत के बाद भी मुंगेर शहर के पूरबसराय में सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश की गयी थी. जगह-जगह सड़क जाम व आगजनी की गयी. बाद में प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित किया.
मार्च 2017 : शहर के वासुदेवपुर ओपी के नयागांव निवासी एक युवक की शंकरपुर गांव में पिटाई के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गयी और लोगों ने सड़क जाम कर दिया. बाद में पथराव व गोलीबारी की घटना भी हुई. जिस पर नियंत्रित करने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी.
हर बार जनता ने दिखायी समझदारी, बनी रही शांति
कार्रवाई होती, तो डरते उपद्रवी
हर ऐसी घटना के बाद पुलिस द्वारा उपद्रवियों के खिलाफ नामजद व अज्ञात के रूप में प्राथमिकी दर्ज की जाती है. लेकिन उस पर कार्रवाई नहीं होती है. अगर कार्रवाई होती है तो असमाजिक, शरारती व उपद्रवी का मनोबल कुछ हद तक टूटता. लेकिन ऐसा होता नहीं है और कुछ दिनों के बाद मामाला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है. खुद पुलिस अधीक्षक आशीष भारती ने नयागांव-शंकरपुर के बीच उत्पन्न विवाद के बाद वासुदेवपुर ओपी में बुलाये गये शांति समिति की बैठक में कहा कि इस बार पुलिस उपद्रवियों पर कार्रवाई जरूर करेगी.
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