आतंक . सदर अस्पताल में डायरिया के मरीजों का फर्श पर हो रहा इलाज
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शहर से गांव तक फैली महामारी
आतंक . सदर अस्पताल में डायरिया के मरीजों का फर्श पर हो रहा इलाज डायरिया के कारण दहशत में जी रहे हैं लोग. एक-एक परिवार से तीन-तीन, चार-चार लोग डायरिया की चपेट में आ रहे हैं मुंगेर : बाढ़ तो आकर चला गया, किंतु प्रभवित इलाकों में अब महामारी फैलनी शुरु हो गयी है़ शहर […]
डायरिया के कारण दहशत में जी रहे हैं लोग. एक-एक परिवार से तीन-तीन, चार-चार लोग डायरिया की चपेट में आ रहे हैं
मुंगेर : बाढ़ तो आकर चला गया, किंतु प्रभवित इलाकों में अब महामारी फैलनी शुरु हो गयी है़ शहर से गांव तक डायरिया का प्रकोप इस कदर फैल चुका है कि एक-एक परिवार से तीन-तीन, चार-चार लोग डायरिया के चपेट में आ रहे हैं. वहीं स्वास्थ्य विभाग इस बात से बिल्कुल बेखर है़ हाल यह है कि सदर अस्पताल में डायरिया के मरीजों को इलाज के लिए अस्पताल प्रबंधन बेड तक उपलब्ध नहीं करा पा रही और उसे फर्श पर लेटा कर इलाज किया जा रहा.
डायरिया का प्रकोप इन दिनों शहर से गांव तक फैल चुकी है़ जिसके कारण लोगों में दहशत व्याप्त है़ शहर के चुआबाग, लाल दरबाजा एवं ग्रामीण क्षेत्र के बड़ी गोविंदपुर, महुली पंचायत स्थित टीकारामपुर, चंडीस्थान, मय पंचायत स्थित तेरासी, चांयटोला, खड़गपुर सहित अन्य गांवों में डायरिया का प्रकोप कहर बरपाने लगा है.
फर्श पर हो रहा इलाज
अस्पताल प्रबंधन को शायद इस बात से कोई लेना देना नहीं है कि मरीजों का इलाज बेड पर हो या फिर फर्श पऱ. रविवार को टीकारामपुर निवासी सुलचंद महतो की पत्नी अंजू देवी का इलाज डीएस कार्यालय के ठीक सामने फर्श पर चल रहा था़ जिसे अस्पताल प्रबंधन द्वारा एक चादर तक भी उपलब्ध नहीं कराया गया़ वहीं चंडी स्थान निवासी रामबदन महतो की पत्नी श्यामा देवी का भी डायरिया वार्ड में ही फर्श पर लिटा कर इलाज किया जा रहा था़
नहीं है समुचित व्यवस्था
एेसा नहीं है कि डायरिया के मरीजों की संख्या में अचानक वृद्धि हुई है़ यह सिलसिला बाढ़ के बाद से लगातार है़ बावजूद अस्पताल प्रबंधन द्वारा मरीजों के बेहतर चिकित्सा व्यवस्था के लिए ध्यान नहीं दिया गया़ जिस तरह सामान्य दिनों में आने वाले डायरिया के मरीजों के लिए 12 बेडों का एक वार्ड संचालित होता था, उसी प्रकार की व्यवस्था अब भी है़ मालूम हो कि बरसात के दिनों में वैसे भी डायरिया के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है़ इस बार बाढ़ के कारण भी डायरिया का प्रकोप बढ़ा है़
एक बेड पर दो-दो मरीज
जिले में डायरिया का कहर इस कदर बढ़ गया है कि सदर अस्पताल में मरीजों को इलाज के लिए जगह तक उपलब्ध नहीं कराया जा पा रहा है़ हाल यह है कि एक- एक बेड पर ही दो- दो मरीजों को भरती कर दिया गया है़ मय पंचायत के तेरासी गांव निवासी एक ही परिवार के पिंटूस चौधरी तथा झारीलाल चौधरी को एक ही बेड पर भरती कर दिया गया है़ वहीं चांयटोला गांव के एक ही परिवार के हुलसी देवी तथा उनकी पुतोहू सरिता देवी और शहरी क्षेत्र के बड़ी गोविंदपुर निवासी क्रांति देवी तथा उनकी पुत्री प्रेमलता कुमारी व लक्ष्मी कुमारी डायरिया से बूरी तरह प्रभावित हो चुके हैं. जिन्हें इलाज के लिए सदर अस्पताल में भरती कराया गया है़ मरीजों की मानें तो यह हाल न सिर्फ उनके घर का है बल्कि उनके आस- पड़ोस का भी यहीं हाल है़ किंतु संपन्न लोग अधिकांशत: निजी क्लिनिक का सहारा ले रहे हैं.
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