मुंगेर : मधेपुरा सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने कहा है कि मुंगेर में बाढ़ की त्रासदी नहीं देखी जा रही है. पांच वर्ष की बच्ची पेट की आग बुझाने के लिए खुद रोटी पका रही है. यही है सरकार की राहत वितरण व्यवस्था. लेकिन यहां तो केंद्र सरकार अंधी और राज्य सरकार बहरी है. जो बाढ़ पीड़ितों की ओर न देख रही और न सुन रही है. वे मुंगेर परिसदन में शुक्रवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों व राहत शिविरों का दौरा कर वापस आने पर कही.
उन्होंने कहा कि 80 प्रतिशत आबादी बाढ़ की त्रासदी में गांवों में ही फंसे रह गये जो राहत की राह ही तकते रहे गये. 20 प्रतिशत आबादी ही गांवों से निकल सकी. जिन्होंने सड़कों को अपना बसेरा बना रखा है. जो राहत शिविर बनाये गये हैं वहां की व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त है. पीएचइडी मंत्री राहत शिविर घूम रहे है. लेकिन उन्हें वहां खराब चापाकल दिखाई नहीं दे रहा है. इन राहत शिविर में नेता, मंत्री, अफसर व ठेकेदार के बेटा-बेटी को यहां मिल रहे भोजन करने एवं रात गुजारने की जरुरत है. तभी बाढ़ पीड़ितों का दुखदर्द वे समझ पायेंगे.
शहरी क्षेत्र में जांघ भर पानी है लेकिन राहत शिविरों को बंद किया जा रहा है. इन लोगों को कानून की नहीं जनता की अदालत की जरूरत है. राहत शिविरों में जातिवाद हो रहा है. अगर राहत मिलती तो लाल दरवाजा में पांच वर्ष की बच्ची रोटी नहीं बना रही होती. उन्होंने कहा कि विपक्ष पूरी तरह उदासीन बनी है जो जनहित में कुछ कर नहीं रही है और हमारे सीएम नीतीश कुमार जहां जनता को शराब दर्शन करा रहे हैं वहीं पूर्व सीएम व उनके मंत्री, बेटे, जनता को कृष्ण दर्शन करा रहे है.