मुंगेर : तिहासिक नगरी मुंगेर को भले ही राज्य सरकार ने प्रमंडल का दर्जा दे दिया. लेकिन विकास के मामले में मुंगेर मुख्यालय पर बेगूसराय भारी पड़ रहा है. आजादी के बाद से ही राजनेताओं ने मुंगेर को उपेक्षित करना प्रारंभ कर दिया था और मुंगेर के खाते में आने वाले विकास की रूख बेगूसराय कर दी थी. यही कारण रहा कि बेगूसराय विकास के मामले में मुंगेर को काफी पीछे छोड़ दिया. अब जबकि राज्य सरकार ने मुंगेर प्रमंडल के बेगूसराय में मेडिकल कॉलेज खोलने की प्रक्रिया प्रारंभ की है तो एक बार फिर मुंगेर के लोग खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं.
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प्रमंडलीय मुख्यालय मुंगेर पर भारी पड़ रहा बेगसूराय
मुंगेर : तिहासिक नगरी मुंगेर को भले ही राज्य सरकार ने प्रमंडल का दर्जा दे दिया. लेकिन विकास के मामले में मुंगेर मुख्यालय पर बेगूसराय भारी पड़ रहा है. आजादी के बाद से ही राजनेताओं ने मुंगेर को उपेक्षित करना प्रारंभ कर दिया था और मुंगेर के खाते में आने वाले विकास की रूख बेगूसराय […]
बेगूसराय मुंगेर जिला का ही अंग हुआ करता था. जब आजादी के बाद पहली बार जिलों को काट कर नये जिला बनाने का सिलसिला प्रारंभ हुआ तो मुंगेर को काट कर बेगूसराय को स्वतंत्र रूप से जिला का दर्जा मिला. उसके बाद तो खगड़िया, फिर जमुई व अंत में लखीसराय एवं शेखपुरा जिला बना. सन 1992 में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने मुंगेर से काट कर बनाये गये सभी जिलों को मिला कर मुंगेर को प्रमंडल का दर्जा दिया. लेकिन विकास के मामले में आजादी के बाद से ही बेगूसराय राजनेताओं की पसंद रही.
जानकार बताते हैं कि जब पहली बार पंडित जवाहर लाल नेहरू मुंगेर के लाल दरवाजा घाट में गंगा पर रेल सह सड़क पुल की घोषणा की थी तो बिहार के तत्कालीन राजनेताओं ने उस पुल को मुंगेर से खींच कर सिमरिया (बेगूसराय) लेकर चले गये. उस समय सिमरिया मुंगेर जिले का ही अंग था. बाद के वर्षों में जब औद्योगीकरण का दौर चला तो बेगूसराय में रिफाइनरी, फर्टिलाइजर फैक्टरी सहित कई उद्योग-धंधे लगाये गये. लेकिन आजादी के बाद मुंगेर मुख्यालय सहित आसपास के क्षेत्रों में एक सूई तक की फैक्टरी नहीं लगी.
एक बार फिर उपेक्षित हुआ मुंगेर
राज्य सरकार ने नीतिगत फैसला लेते हुए घोषणा की थी कि सभी प्रमंडलीय मुख्यालय में मेडिकल कॉलेज खोले जायेंगे. इस दिशा में पूर्णिया सहित कई प्रमंडलीय हेड क्वार्टर में मेडिकल कॉलेज खोलने की प्रक्रिया चल रही है. सिर्फ सहरसा और मुंगेर प्रमंडल मुख्यालय में अबतक मेडिकल कॉलेज नहीं खुला है. क्षेत्र के लोग वर्षों से मेडिकल कॉलेज की आस लगाये बैठे हैं. मुंगेर के पूर्व विधायक अनंत कुमार सत्यार्थी ने तो शहर में बड़े-बड़े होर्डिंग लगा कर मुंगेर शहरवासियों को मेडिकल कॉलेज का सपना दिखाया था. लेकिन राज्य सरकार ने 5 नये मेडिकल कॉलेज में बेगूसराय को शामिल किया है. जिसमें मुंगेर उपेक्षित है. इस मामले को लेकर मुंगेर में व्यापक प्रक्रिया हो रही.
कहते हैं विधायक
मुंगेर में मेडिकल कॉलेज हर हाल में खुलेगा. मैंने पूर्व में भी मुख्यमंत्री से मिल कर मेडिकल कॉलेज खोलने का अनुरोध किया था. आगामी विधानसभा सत्र में इस मुद्दे को मजबूती के साथ उठाउंगा.
विजय कुमार विजय, स्थानीय विधायक
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