21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

वाणी विलास सदन को अस्तत्वि में लाने की कवायद

वाणी विलास सदन को अस्तित्व में लाने की कवायद 27 वर्ष पूर्व ही गंगा के गर्भ में विलीन हो गया वाणी विलास सदन प्रतिनिधि, मुंगेरकहा गया है कि जहां चाह, वहां राह. सदर प्रखंड के तारापुर दियारा पंचायत स्थित महेशपुर गांव में 27 वर्ष पूर्व वाणी विलास सदन गंगा के गर्भ में विलीन हो गया. […]

वाणी विलास सदन को अस्तित्व में लाने की कवायद 27 वर्ष पूर्व ही गंगा के गर्भ में विलीन हो गया वाणी विलास सदन प्रतिनिधि, मुंगेरकहा गया है कि जहां चाह, वहां राह. सदर प्रखंड के तारापुर दियारा पंचायत स्थित महेशपुर गांव में 27 वर्ष पूर्व वाणी विलास सदन गंगा के गर्भ में विलीन हो गया. जिसे ग्रामीणों द्वारा पुनर्जीवित करने की कवायद की जा रही है. जानकारों के अनुसार जिले में श्रीकृष्ण सेवा सदन के बाद वाणी विलास सदन का ही स्थान था. जिसमें लगभग दस हजार दुर्लभ पुस्तकें उपलब्ध थी. इस सदन की स्थापना वर्ष 1950 में की गयी थी. सदन का अनावरण राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ श्रीकृष्ण सिंह ने की थी. लगभग 39 वर्षों तक इस सदन की रौनक बरकरार रही. यहां पर मौजूद दुर्लभ पुस्तकों के अध्ययन के लिए प्रतिदिन दूर- दराज के सैकड़ों लोग पहुंचते थे. किंतु वर्तमान समय में वाणी विलास सदन के ईंट का कोई अता पता नहीं है. वर्ष 1989 में माता गंगा इतनी कुपित हो गयी कि सदन को अपने गर्भ में ही समाहित कर लिया. इस समय के गंगा कटाव का दंश न सिर्फ सदन को भुगतना पड़ा, बल्कि पूरा महेशपुर गांव ही कट गया. कटाव के बाद फिर से महेशपुर गांव तो बस गया किंतु वाणी विलास सदन की पुनर्स्थापना नहीं हो पायी है. हालांकि सरपंच उमाकांत सिंह, ग्रामीण अनितेश कुमार, चंद्र शेखर प्रसाद सिंह व मधु रंजन सिंह ने बताया कि पुस्तकालय को फिर स्थापित करने की जरूरत है. जिससे गांव ही नहीं दूरदराज के लोगों को भी इसका लाभ मिल सके.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें