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राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना मुंगेर में फ्लॉप
उदासीनता . चालू वित्तीय वर्ष में महज 150 गरीबों को मिला इलाज का लाभ मुंगेर : गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों को मुफ्त में इलाज की सुविधा देने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना प्रारंभ की है. लेकिन यह योजना मुंगेर में निजी चिकित्सकों के दिलचस्पी नहीं लेने एवं प्रशासनिक उदासीनता […]
उदासीनता . चालू वित्तीय वर्ष में महज 150 गरीबों को मिला इलाज का लाभ
मुंगेर : गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों को मुफ्त में इलाज की सुविधा देने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना प्रारंभ की है. लेकिन यह योजना मुंगेर में निजी चिकित्सकों के दिलचस्पी नहीं लेने एवं प्रशासनिक उदासीनता के कारण पूरी तरह फ्लॉप है. अब कार्य करने वाली एजेंसी सरकारी अस्पताल की ओर रुख किया है. ताकि कुछ तो वित्तीय वर्ष खत्म होते-होते लक्ष्य को पूरा किया जा सके. योजना का हाल यह है कि वित्तीय वर्ष समाप्त होने में अब महज 82 दिन शेष है और अबतक मात्र 150 गरीबों को योजना के तहत इलाज हो पाया है.
बना स्मार्ट कार्ड
मुंगेर जिले में यूं तो 1.11 लाख गरीबों को स्मार्ट कार्ड बनाने का दावा किया जा रहा है. लेकिन हकीकत है कि उनका इलाज कहां होगा ये भी उन्हें पता नहीं है. क्योंकि बिहार राज्य श्रम कल्याण समिति ने जिन अस्पतालों को अपने यहां सूचीबद्ध दिखाया है. उसमें से मात्र 5 अस्पतालों में स्मार्ट कार्डधारियों का इलाज हो रहा है.
मात्र 1.11 लाख का बना स्मार्ट कार्ड
जिले में 1,78,483 बीपीएल परिवार को स्मार्ट कार्ड बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. जिन्हें इस योजना के तहत लाभान्वित करना है. दिसंबर माह खत्म होने तक मात्र 1.11 लाख लोगों का ही कार्ड बन पाया है. जबकि अब कार्ड बनाने की प्रक्रिया भी बंद कर दी गयी है. ये कार्य यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंश क. लि. को मिला. जिसने टीपीए के तहत वीडाल हेल्थ को कार्य करने के लिए अधिकृत कर दिया. लेकिन कार्य को सही रुप से अंजाम नहीं दिया जा रहा है.
मानकों पर खड़ा नहीं है निर्सिंग होम
राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत जो मानक तय है. उसे बहुत कम ही नर्सिंग होम पुरा करता होगा. मानक के अनुसार पैथोलॉजी, अल्ट्रासाउंड, एक्सरे, दवा दुकान, कैंटीन, एंबुलेंस की सुविधा 24 घंटे नर्सिंग होम में उपलब्ध होना चाहिए. जबकि 24 घंटे चिकित्सक व प्रशिक्षित नर्स की डियूटी होनी चाहिए. लेकिन मुंगेर में ऐसा एक भी नर्सिंग होम नहीं है जो इस मानक को पूरा करता है.
150 गरीबों को ही मिला लाभ
मुंगेर में कार्य करने वाली एजेंसी विडाल की माने तो अब तक मात्र 150 लोगों को ही पांच नर्सिंग होम में इलाज हो पाया है. इसमें अधिकांश हाइड्रोसिल, बंध्याकरण जैसे ऑपरेशन कराने वाले गरीब लाभुक है.
क्यों फ्लॉप हो गयी योजना
जिले में 50 से अधिक निजी नर्सिंग होम है. जिसमें से 16 टॉप नर्सिंग होम को इससे जोड़ा गया. लेकिन निजी नर्सिंग होम के संचालक चिकित्सकों ने स्मार्ट कार्ड पर गरीबों को सेवा देने से इनकार कर दिया. जिसके कारण गरीबों का नर्सिंग होम में इलाज कराने का सपना अधूरा है.
महज पांच अस्पताल में योजना चालू
बीडाल हेल्थ के प्रतिनिधि देव नायक ने बताया कि जिले में 16 अस्पताल राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत सूचीबद्ध है. लेकिन पांच अस्पताल ने ही अभी तक योजना चलाने को लेकर एमओयू साइन किया है. जिसमें समर्पण अस्पताल एंड रिचर्स सेंटर, जीवन अवतार मुंगेर, सूरज क्लिनिक संग्रामपुर, श्रीरामरुप नेत्रधाम तारापुर एवं सदर अस्पताल शामिल है.
क्या है राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना
-इस योजना के तहत सूचीबद्ध अस्पतालों में 30 हजार रुपये तक की राशि का इलाज नि:शुल्क
-रोगी को अस्पताल में भरती होने की स्थिति भोजन मुफ्त में उपलब्ध होगा एवं घर से अस्पताल तक आने-जाने के लिए 100 रुपये का यात्रा व्यय (अधिकतम एक वर्ष में 1000 )अस्पताल द्वारा उपलब्ध कराया जायेगा.
-अस्पताल छोड़ते समय रोगी को पांच दिनों की दवा अस्पताल नि:शुल्क उपलब्ध करायेगी
– स्मार्ट कार्डधारक सूचीबद्ध अस्पतालों में कहीं भी अपना नि:शुल्क इलाज करा सकते है.
-चिकित्सक की फीस, दवा, इलाज एवं जांच के लिए रोगी को राशि नहीं देनी होगी
योजना चली सरकारी अस्पताल
प्रशासनिक उदासीनता एवं निजी नर्सिंग होम की मनमानी के कारण तो योजना फ्लॉप कर गयी. अब वित्तीय वर्ष बीतने में भी मात्र 3 माह शेष बचे हैं. ऐसी परिस्थिति में मुंगेर अब कार्य करने वाली एजेंसी ने सरकारी अस्पतालों की ओर रुख किया है.
प्रथम चरण में इन कार्डधारी गरीबों को इलाज सदर अस्पताल में कराने को लेकर अनुबंध किया है. जहां वे पहले से ही मुफ्त में अपना इलाज कराते आ रहे है. एजेंसी की माने तो तारापुर रेफरल अस्पताल एवं खड़गपुर पीएचसी को भी इससे जोड़ा जा रहा है. ताकि वित्तीय वर्ष खत्म होने पर कुछ तो इस योजना की उपलब्धि दिखायी जा सके.
योजना का बदला नोडल विभाग
राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का पूर्व में श्रम संसाधन विभाग द्वारा संचालित की जाती थी. लेकिन अब यह योजना स्वास्थ्य विभाग के अधीन चला गया. जिसके एडीकेएम पदाधिकारी स्वास्थ्य विभाग के एसीएमओ को बनाया गया है. जो इस योजना को संचालित करेंगे.
कहते हैं अधिकारी
अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ योगेंद्र प्रसाद ने बताया कि जिन नर्सिंग होम को अनुबंधित किया गया. लेकिन वे कार्ड पर इलाज नहीं कर रहे है. उनके खिलाफ कार्रवाई को लेकर जल्द ही जिलाधिकारी के साथ बैठक कर रणनीति बनायी जायेगी.
कहते हैं नोडल पदाधिकारी .योजना के नोडल पदाधिकारी अपर समाहर्ता ईश्वर चंद्र शर्मा ने कहा कि यह बात सही हैं कि निजी नर्सिंग होम संचालक इसमें दिलचस्पी नहीं दिखा रहे है. इसको लेकर नये सिरे से बैठक की जायेगी.
कहते हैं स्टेट हेड .आरएसबीवाइ को यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी से मिल कर चलाया जा रहा है.कंपनी के स्टेट नोडल पदाधिकारी मानव प्रकाश ने कहा कि योजना मुंगेर में चल रही है. इसमें अनुबंधित अस्पतालों में मुफ्त की व्यवस्था है. क्लेम पेमेंट में विलंब होने पर अस्पताल संचालक इलाज को बीच में नहीं छोड़े और मानवीय आधार पर इलाज जारी रखे. शीघ्र ही आन मैरिट क्लेम पेमेंट कर दी जायेगी.
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