जमालपुर : रेल कारखाना जमालपुर में अफसरशाही चरम पर है. जिस आपराधिक मामले में अवकाश प्राप्त रेलकर्मी देवकी मंडल को छह माह पूर्व ही न्यायालय से आरोप मुक्त कर दिया गया. उस मामले में उसे सेवांत लाभ नहीं दिया जा रहा है. यहां तक कि रेल अधिकारी मामले को पेंचिदा बनाने के लिए गलत जानकारी भी दे रहे हैं.
अब जब मामला सर से ऊपर हो गया है तो सेवानिवृत्त देवकी मंडल की पत्नी राज देवी ने 10 दिसंबर गुरुवार को कारखाना के मुख्य गेट पर पुत्र व पति के साथ आत्मदाह की घोषणा की है. क्या है मामला जमालपुर रेल कारखाना के कर्मी देवकी मंडल (पूर्व टिकट नंबर 19668) पर आरोप था कि दिनांक 4 जून 2010 को जमालपुर रेल कारखाना के गेट संख्या 1 पर बालू लदे ट्रैक्टर से एक रेलकर्मी की मौत के बाद उत्पन्न हंगामे व पथराव के कारण आरपीएफ के एक कर्मी परमेश्वरी सिंह की मौत हो गयी थी.
इस मामले में देवकी मंडल सहित 12 रेलकर्मियों के विरुद्ध इस्ट कॉलोनी थाना में हत्या का मामला दर्ज किया गया था. देवकी हुआ था दोष मुक्त कांड के सुनवाई के दौरान मुंगेर के तदर्थ जिला सत्र न्यायाधीश दयाशंकर मिश्र ने 15 सितंबर 2014 को देवकी मंडल के विरुद्ध साक्ष्य उपलब्ध नहीं होने के कारण आरोप मुक्त कर दिया गया था. यहां तक कि कांड के सभी 12 अभियुक्तों को भा.द.वि की धारा 341, 353, 427, 435, 423, 338, 302/149 में दोष मुक्त किया गया था.
जून 2015 में हाई कोर्ट ने किया खारिज आरपीएफ कर्मी की मौत के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश के निर्णय के विरुद्ध पटना उच्च न्यायालय में अपील दायर करने के लिए महाधिवक्ता कार्यालय बिहार उच्च न्यायालय पटना को भेजा गया था. जिसमें महाधिवक्ता कार्यालय ने यह कहते हुए केस को खारिज कर दिया था कि मामला अपील योग्य नहीं है.
डीएम ने आरपीएफ को भेजी थी रिपोर्ट मुंगेर के जिलाधिकारी अमरेंद्र प्रसाद सिंह ने अपने पत्रांक 686 दिनांक 5 अगस्त 2015 द्वारा वाद के संदर्भ में रेलवे सुरक्षा बल के सुरक्षा आयुक्त को रिपोर्ट भेजी थी. जिसमें कहा गया था कि सरकार के अवर सचिव सह उपविधि परामर्शी विधि विभाग बिहार पटना के पत्रांक 3893/ जो0 दिनांक 15 जून 2015 द्वारा यह कहा गया है कि मामला अपील योग्य नहीं पाया गया है.
25 दिन बाद रेल अधिकारी ने भेजी रिपोर्ट जिलाधिकारी के पत्र के 25 दिन बाद 3 सितंबर को जमालपुर रेल कारखाना के सहायक कार्मिक पदाधिकारी ने सहायक सुरक्षा आयुक्त, रेलवे सुरक्षा बल को रिपोर्ट भेज कर अपील से संबंधित वर्तमान स्थिति की जानकारी उपलब्ध करायी. साथ ही देवकी मंडल के प्रोन्नति, ग्रेच्युटी, पेंशन भुगतान से संबंधित मामले के निर्णय के संदर्भ में लिखा.
रेल अधिकारी ने दी गलत जानकारी एक ओर जहां देवकी मंडल का मामला न्यायालय से दोष मुक्त हो चुका और उच्च न्यायालय में भी अपील योग्य नहीं पाये जाने पर खारिज हो गया. वहीं जमालपुर रेल कारखाना के सहायक कार्मिक पदाधिकारी एनके सिघा ने 14 नवंबर को अपने पत्र में कहा है कि ‘ योर केस हैज नॉट बीन फिनिस्ड टील डेट ‘. आत्मदाह की चेतावनी देवकी मंडल की पत्नी राज देवी ने रेल अधिकारियों के व्यवहार से तंग आकर एवं अपने परिवार के आर्थिक स्थिति को देखते हुए 10 दिसंबर को आत्मदाह की धमकी दी है.
राज देवी के आत्मदाह की घोषणा के बाद जमालपुर के रेल अधिकारी सक्रिय हुए हैं और अब पत्रों का खेल किया जा रहा है. कहते हैं डब्लूपीओ जमालपुर रेल कारखाना के कार्मिक पदाधिकारी एमएम प्रसाद का कहना है कि आत्मदाह की घोषणा रेल प्रशासन पर दबाव बनाने का प्रयास है.
देवकी मंडल के मामले में डीएम से प्राप्त पत्र के आधार पर आरपीएफ के आइजी को जानकारी दी गयी थी तथा पूर्व रेलवे के मुख्य कार्मिक अधिकारी (कोलकाता) को पत्र भेजा गया है. जिनका मंतव्य 7 दिसंबर 2015 को सीडब्लूएम जमालपुर को प्राप्त हुआ है. इस मामले में अंतिम निर्णय के लिए वरिष्ठ विधिज्ञ अधिवक्ता के पास भेजा गया है.