न कमरा और न शिक्षक तो कैसे पढ़ेंगे बच्चे फोटो संख्या : 1फोटो कैप्सन : मध्य विद्यालय गोरैया प्रतिनिधि : धरहरा नक्सल प्रभावित आजीमगंज पंचायत के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र स्थित मध्य विद्यालय गोरैया में सुविधाओं का घोर अभाव है. न तो यहां बच्चों के लिए पर्याप्त वर्ग कक्षा है और न ही बच्चों के अनुरूप शिक्षक ही तैनात हैं. ऐसे में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा कैसे मिलेगी यह एक प्रश्न है. मध्य विद्यालय गोरैया में वर्ग प्रथम से आठ तक की पढ़ाई होती है. जिसमें 425 बच्चे नामांकित है. लेकिन दुर्भाग्य है कि बच्चों को बैठने के लिए मात्र तीन कमरे हंै. विद्यालय में एक मात्र चापानल है. शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है. जबकि विद्यालय में चारदिवारी भी नहीं है. जिसके कारण विद्यालय प्रांगण में भैंस गाय हमेशा चरती रहती है. विद्यालय में शिक्षकों की संख्या भी पर्याप्त नहीं है. प्रभारी प्रधानाध्यापक सहित यहां पांच शिक्षक पदस्थापित हंै. जिसमें से एक शिक्षक सुदर्शन प्रसाद सिंह 24 अगस्त से ही जिला खेल विभाग में प्रतिनियोजित है. शिक्षकों की कमी एवं सुविधाओं के अभाव के कारण बच्चों का सही ढंग से पठन-पाठन नहीं हो पा रहा है. इतना ही नहीं शिक्षा विभाग के निर्देश के बावजूद टोला सेवक भी कोई रूची नहीं ले रहे. टोला सेवक को 3 बजे से 5 बजे शाम तक विद्यालय में वैसे बच्चों को जागरूक करना है. बताया जाता है कि इस विद्यालय को नक्सलियों ने क्षतिग्रस्त कर दिया था और ईंट को वाहन से अपने ठिकाने ले कर चला गया. कहते हैं प्रभारी प्रधानाध्यापक प्रभारी प्रधानाध्यापक भरत कुमार राय ने बताया कि भवन निर्माण मद में लाखों रुपये पड़ा है. विभाग को लिखा गया है कि नये प्राक्कलन के आधार पर राशि मुहैया करायी जाय. ताकि भवन का निर्माण किया जा सके.
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न कमरा और न शक्षिक तो कैसे पढ़ेंगे बच्चे
न कमरा और न शिक्षक तो कैसे पढ़ेंगे बच्चे फोटो संख्या : 1फोटो कैप्सन : मध्य विद्यालय गोरैया प्रतिनिधि : धरहरा नक्सल प्रभावित आजीमगंज पंचायत के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र स्थित मध्य विद्यालय गोरैया में सुविधाओं का घोर अभाव है. न तो यहां बच्चों के लिए पर्याप्त वर्ग कक्षा है और न ही बच्चों के अनुरूप […]
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