सातवें वेतन आयोग की सिफारिश एक छलावा प्रतिनिधि , मुंगेर अखिल भारतीय प्रारंभिक शिक्षक महासंघ के वरिष्ठ नेता नवल किशोर सिंह ने एक बयान जारी कर कहा कि सातवां वेतन आयोग ने अपनी 900 पेज में अंकित रिपोर्ट केंद्रीय वित्त मंत्री को सौंपा है. रिपोर्ट में वित्त मंत्री से कर्मचारियों की सैलरी 15 प्रतिशत तक बढ़ाने की सिफारिश की गयी है. इससे केंद्र सरकार के करीब 48 लाख कर्मचारी और 55 लाख पेंशनर प्रभावित होंगे. उन्होंने कहा कि वेतन आयोग की मंशा है कि सरकारी कर्मचारियों का अधिकतम सेवा काल 33 साल ही रखा जाय. पे बैंड एक जैसा करने की भी सिफारिश की गयी है. वेतन आयोग ने सिफारिश की है कि पे बैंड 32 से घटा कर 13 किया जाय. इससे आइएएस, आपीएस और आइआरएस के पे बैंड एक लेवल पर आ जायेगा. इसका मतलब है कि सभी प्रशासनिक अधिकारियों का वेतन एक जैसा हो जायेगा. उन्होंने आयोग की सिफारिशों को एक छलावा करार देते हुए कहा कि महंगाई की स्थिति को देखते हुए वेतनमान में सुधार किया जाय. अगर ऐसा नहीं होता है तो संघ के बैनर तले आंदोलन किया जायेगा. उन्होंने कहा कि महंगाई से शासकों की नींद हराम नहीं हुई हुई है. केंद्र राज्य सरकार को तो राज्य केंद्र सरकार को कोस रहा है. महंगाई पर अविलंब रोक नहीं लगी तो महंगाई, बेरोजगारी, गरीबी की मार से निजात के लिए विवश हो कर जनता को सड़कों पर उतरना ही पड़ेगा.
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सातवें वेतन आयोग की सिफारिश एक छलावा
सातवें वेतन आयोग की सिफारिश एक छलावा प्रतिनिधि , मुंगेर अखिल भारतीय प्रारंभिक शिक्षक महासंघ के वरिष्ठ नेता नवल किशोर सिंह ने एक बयान जारी कर कहा कि सातवां वेतन आयोग ने अपनी 900 पेज में अंकित रिपोर्ट केंद्रीय वित्त मंत्री को सौंपा है. रिपोर्ट में वित्त मंत्री से कर्मचारियों की सैलरी 15 प्रतिशत तक […]
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