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शामपुर स्वास्थ्य उपकेंद्र बदहाल, लोगों को नहीं मिल रही स्वास्थ्य सुविधा

शामपुर स्वास्थ्य उपकेंद्र बदहाल, लोगों को नहीं मिल रही स्वास्थ्य सुविधा फोटो संख्या : 2फोटो कैप्सन : प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र, शामपुर प्रतिनिधि, मुंगेर एक ओर जहां स्वास्थ्य विभाग द्वारा जन-जन तक चिकित्सा की सुविधा मुहैया कराने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य उपकेंद्रों को स्थापित किया गया. वहीं दूसरी ओर विभागीय उदासीनता के कारण ग्रामीण […]

शामपुर स्वास्थ्य उपकेंद्र बदहाल, लोगों को नहीं मिल रही स्वास्थ्य सुविधा फोटो संख्या : 2फोटो कैप्सन : प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र, शामपुर प्रतिनिधि, मुंगेर एक ओर जहां स्वास्थ्य विभाग द्वारा जन-जन तक चिकित्सा की सुविधा मुहैया कराने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य उपकेंद्रों को स्थापित किया गया. वहीं दूसरी ओर विभागीय उदासीनता के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में यह स्वास्थ्य उपकेंद्र हाथी के दांत साबित हो रहे हैं. जहां चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराना तो दूर की बात मूलभूत सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं हैं. हाल यह है कि इस तरह के स्वास्थ्य उपकेंद्र इन दिनों महज एक प्रतिरक्षण केंद्र बन कर रह गया है. ऐसे ही स्वास्थ्य उपकेंद्रों में स्वास्थ्य उपकेंद्र शामपुर भी है. हवेली खड़गपुर प्रखंड के अग्रहण पंचायत स्थित स्वास्थ्य उपकेंद्र शामपुर के भवन पर शुक्रवार को ताला लटका हुआ पाया गया. स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थापित एएनएम उमदा कुमारी से जब फोन पर संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि बागेश्वरी गांव में टीकाकरण का काम कर रही है. जर्जर है भवन एएनएम उमदा कुमारी ने बताया कि स्वास्थ्य उपकेंद्र का भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है. छल का प्लास्टर टूट-टूट कर गिरता है. जिसके कारण हमेशा डर लगा रहता है. वैसे तो इस भवन में चार कमरे हैं. किंतु एक भी कमरा उपयोग के लायक नहीं है. बरसात के दिनों में भवन का पूरा छत चूने लगता है. जिसके कारण दवाओं व अन्य जरूरी कागजातों को बचा पाना भी मुश्किल सा हो जाता है. पेयजल व शौचालय की नहीं है व्यवस्था स्वास्थ्य उपकेंद्र में पेयजल व शौचालय की व्यवस्था नहीं है. एएनएम ने बताया कि वे अपने लिए तो घर से ही पानी लेकर आती है. किंतु केंद्र पर पहुंचने वाले मरीज व उनके परिजनों को पेयजल के लिए खासे परेशानियों का सामना करना पड़ता है. वहीं वर्षों पुराना बना शौचालय जीर्ण-शीर्ण हो चुका है. आठ घंटे के ड्यूटी के दौरान यदि शौच कल जरूरत पड़ जाती है तो स्थानीय लोगों के घर का सहारा लेना पड़ता है. उन्होंने बताया कि यहां की समस्याओं के बारे में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को अवगत कराया जा चुका है. बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है.कहते हैं सिविल सर्जन सिविल सर्जन डॉ श्रीनाथ ने बताया कि जिले में भर में जितने भी अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व स्वास्थ्य उपकेंद्र की स्थिति जर्जर है, उसके बारे में विभाग को लिखा गया है.

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