मुंगेर : नम आंखों से शुक्रवार को श्रद्धालुओं ने मां काली को विदाई दी. जय मां काली के जयघोष के साथ प्रात: से ही शहर से लेकर गांव तक वातावरण गूंजने लगा. विसर्जन शोभायात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया. शोभायात्रा को देखने के लिए दिन भर मुंगेर शहर के मुख्य सड़कों से लेकर गांव के गलियों तक श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगी रही.
लोगों ने मां के दर्शन कर उनसे सुख-समृद्धि की कामना की. छिटपुट घटनाओं को छोड़ कर विसर्जन शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ. सबसे पहले लल्लू पोखर स्थित बड़ी मां काली की शोभायात्रा निकली जो पटेल चौक होते हुए बड़ा महावीर स्थान पहुंची और वहां मां की आरती लगायी गयी. तत्पश्चात भगत सिंह चौक होते हुए प्रतिमा को सोझीघाट गंगा तट ले जाया गया जहां प्रतिमा को गंगा में विसर्जित किया गया.
प्रतिमा विसर्जन का सिलसिला देर रात तक चलता रहा. इधर सदर प्रखंड के सीताकुंड-हसनपुर में मां काली की विसर्जन शोभायात्रा भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच निकली. अनुमंडल पदाधिकारी डॉ कुंदन कुमार, एसडीपीओ ललित मोहन शर्मा एवं प्रशिक्षु डीएसपी कृष्ण मुरारी के नेतृत्व में पुलिस पदाधिकारी व पुलिस बल खुद सुरक्षा का नेतृत्व कर रहे थे.
हसनपुर तीन बटिया से लेकर सीताकुंड मंदिर तक कड़ी सुरक्षा के बीच माता की प्रतिमा को ले जाया गया. सीताकुंड पहुंचते ही वहां पहले से मौजूद श्रद्धालुओं द्वारा लगाये जा रहे जयकारे के घोष से पूरा वातावरण गुंजायमान होने लगा. सीताकुंड मंदिर के पुजारियों द्वारा माता काली, भगवान शंकर, माता लक्ष्मी व माता सरस्वती की आरती उतारी गयी.
आरती के दौरान घड़ी घंट व शंखनाद की ध्वनि श्रद्धालुओं को अलौकिक अनुभूति प्रदान कर रही थी. वहीं महिला श्रद्धालुओं की भीड़ माता की एक झलक पाने को व्याकुल थी. इधर पूजा समिति के अखाड़ा के युवाओं द्वारा बेहतर कला का प्रदर्शन किया जा रहा था. जिसे हसनपुर तीन बटिया के पास ही पुलिस प्रशासन द्वारा रोक दिया गया. जब तक माता काली की प्रतिमा सीताकुंड से लौट कर वापस हसनपुर तीन बटिया तक नहीं पहुंची तब तक अखाड़ा के सदस्य वहीं पर मौजूद रहे.
शोभायात्रा के दौरान लगी रही नो इंट्री माता काली की प्रतिमा हसनपुर तीन बटिया पहुंचने से पूर्व ही सीताकुंड से लेकर शीतलपुर तक मुख्य पथ को पुरी तरह सील कर दिया गया.
एक भी दो पहिया वाहन तक पथ से होकर तब तक नहीं गुजर सका तब तक माता काली की प्रतिमा हसनपुर तीन बटिया तक वापस नहीं लौटी. पथ के दोनों किनारे एसएसबी, एसटीएफ, सीआरपीएफ, सशस्त्र पुलिस बल एवं लाठी पार्टी घेराबंदी किये रहे. वहीं स्पेशल फोर्स मोटर साइकिल से पथ पर गश्ती करती रही.
आंखें बिछाये खड़े थे श्रद्धालु मां काली की एक झलक पाने को श्रद्धालु घंटों पहले से सड़क के किनारे व अपने छतों पर आंखें बिछाये खड़े थे. हसनपुर तीन बटिया से लेकर सीताकुंड मंदिर तक श्रद्धालुओं की कतार लगी हुई थी. जिसमें हिंदू धर्मावलंबियों के साथ-साथ मुसलिम धर्मावलंबियों की भी भारी भीड़ थी. जैसे-जैसे शोभायात्रा आगे बढ़ रही थी.
वैसे-वैसे श्रद्धालुओं के जत्थे में भी इजाफा होते जा रहा था. युवाओं ने दिखाये करतब एक ओर जहां डंके की चोट पर घोड़े की टाप लोगों का मन मोह रहा था. वहीं दूसरी ओर अखाड़े के युवाओं द्वारा दिखाये जा रहे करतब को देख कर लोग आहें भर रहे थे. छोटे-छोटे बच्चे भी अखाड़े में अपना अद्भुत करतब दिखाने से पीछे नहीं रहे.
लाठी से लेकर तलवारबाजी तक देखते ही बनता था. सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम विसर्जन शोभायात्रा के दौरान शांति व्यवस्था बनाये रखने व सौहार्दपूर्ण वातावरण में विसर्जन को संपन्न कराने के लिए जिला प्रशासन द्वारा अनुमंडल स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था का पुख्ता इंतजाम किया गया था.
शोभायात्रा के दौरान एसएसबी के 40 बल, एसटीएफ के 60 बल, सीआरपीएफ 20 बल, कोतवाली, कासिम बाजार, मुफस्सिल, नयारामनगर, बरियारपुर, जमालपुर, इस्ट कॉलोनी, धरहरा, महिला एवं हरिजन थाना, वासुदेवपुर ओपी, सफियाबाद ओपी, हेमजापुर ओपी के प्रभारी व पुलिस बल के साथ-साथ अतिरिक्त सशस्त्र बल की तैनाती की गयी थी. साथ ही बीएमपी के 100 जवान एवं 25 की संख्या में महिला पुलिस बल भी सुरक्षा व्यवस्था के लिए तैनात किये गये थे.
विसर्जन के दौरान थे मौजूदविसर्जन शोभायात्रा के दौरान जहां एसपी अभियान नवीन कुमार, मेजर अरविंद कुमार, इंस्पेक्टर रघुवंश प्रसाद सिंह, शिव कुमार सिंह, बीडीओ संजय कुमार, अंचलाधिकारी भुवनेश्वर यादव, थानाध्यक्ष दीपक कुमार, अभिनव दूबे, प्रियरंजन, पवन कुमार सिंह, पल्लव कुमार सहित अन्य पुलिसकर्मी काफी सक्रिय दिखे.
वहीं पूजा समिति के अध्यक्ष उमेश राम, सचिव प्रेम कुमार, राम प्रसाद विसमिल, मुखिया अनिल पासवान, दिलीप मंडल, मो. परवेज चांद, मो. जसीम उद्दीन, जदयू जिलाध्यक्ष मो. जियाउर रहमान, मो. जहांगीर, मो. वसीम उद्दीन, फूलबाबू, प्रमोद यादव, सहित सैकड़ों लोगों की भूमिका सराहनीय रही.