मुंगेर : परिजनों को जिसका डर था आखिर वही हुआ. अपराधियों ने न सिर्फ वासुदेवपुर बसगढ़ा निवासी अगवा सतीश कुशवाहा के गले में फंदा डाल कर व गोली मार कर हत्या कर दी.
बल्कि शव को भी गंगा के तेज बहाव में फेंक दिया. किंतु आजतक अगवा सतीश के शव को पुलिस बरामद नहीं कर पायी है. हत्या का खुलासा तब हुआ जब पुलिस ने हत्यारा महुली निवासी सदानंद यादव को नक्सल प्रभावित क्षेत्र गंगटा के रंगनाथ पहाड़ से गिरफ्तार किया. उसने हत्या के कारणों एवं हत्या में शामिल लोगों के नाम भी कबूल किया है.
29 अक्तूबर को हुआ था अगवा विदित हो कि 29 अक्तूबर को सुबह 7 बजे मुफस्सिल थाना क्षेत्र के चौखंडी निवासी गणेश सहनी ने वासुदेवपुर ओपी क्षेत्र के सतीश कुमार कुशवाहा को राजमिस्त्री का काम दिलाने के लिए महुली गांव ले गया था. वहां पहले से ही सकलदेव सहनी, प्रमोद यादव एवं सदानंद यादव मौजूद थे. जहां से सतीश का अपहरण कर लिया गया.
जिसके बाद उसका कोई पता नहीं चल सका.गणेश सहनी ने उलझाया पुलिस को गणेश सहनी को जब पुलिस ने 29 अक्तूबर को ही पकड़ा तो उसने पुलिस को बताया कि हम दोनों राजमिस्त्री है और भवन निर्माण के लिए स्थल देखने के लिए महुली गया था. जहां पिस्तौल की नोंक पर प्रमोद यादव एवं सकलदेव यादव ने हम दोनों का अपहरण कर लिया और दियारा लेकर जाने लगा. लेकिन मैं वहां से भाग निकला. जबकि सत्यता थी कि हत्या के बाद सकलदेव के कहने पर वह मामला के संबंध में हल्ला करने लगा कि प्रमोद और सदानंद यादव ने हमलोगों का अपहरण किया था.
भतीजा ने करायी थी प्राथमिकी दर्ज सतीश सहनी का भतीजा कुंदन ने इस मामले में सकलदेव सहनी, उसकी पत्नी शीला देवी, बेटा अमित कुमार, गणेश सहनी, सदानंद यादव एवं प्रमोद यादव के खिलाफ कोतवाली थाना में मामला दर्ज कराया था. जिसमें गणेश एवं सकलदेव सहनी को पहले ही पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है.
जबकि मंगलवार को सदानंद को पुलिस ने गिरफ्तार किया. भतीजा की शादी बना हत्या का कारण विदित हो कि सतीश कुशवाहा का भतीजा कुंदन कुमार ने चौखंडी निवासी सकलदेव सहनी की बेटी निशा से प्रेम विवाह किया. अंतरजातीय विवाह को निशा की मां हमेशा विरोध करती रही. उसने बेटी से कहा था कि तुम्हारा सुहाग उजाड़ देंगे. सभी को मार देंगे.
जिसके बाद शीला देवी ने अपने पति के साथ मिल कर साजिश रची और गणेश, सदानंद व प्रमोद का सहारा लेकर कुंदन के गार्जियन स्वरूप चाचा सतीश को अगवा करा कर उसकी हत्या करवा दी. कैसे हुई हत्यारे की गिरफ्तारी अगवा मामले में दोषी सदानंद यादव एवं प्रमोद यादव की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही थी. पुलिस को गुप्त सूचना मिली की सदानंद यादव नक्सल प्रभावित गंगटा क्षेत्र के रंगनाथ पहाड़ पर एक झोपड़ी में रह रहा है.
तत्काल ही टास्क फोर्स में शामिल हेमजापुर ओपी प्रभारी शंभु पासवान, वासुदेवपुर ओपी प्रभारी राजीव रंजन, पुरबसराय कुमार सन्नी, शामपुर विश्वबंधु व एसटीएफ व जिला पुलिस टीम द्वारा देर रात रंगनाथ पहाड़ पर छापेमारी की. जहां से सदानंद को गिरफ्तार किया गया. हत्या का किया खुलासा गिरफ्तार सदानंद ने कहा कि सकलदेव सहनी की बेटी से सतीश का भतीजा शादी कर लिया. सकलदेव की पत्नी शीला देवी से प्रमोद यादव और मुझसे सतीश की हत्या करने की सुपाड़ी दी.
प्रमोद का शीला देवी से पहले से ही संबंध था और 40 हजार रुपया भी दिया था. सकलदेव और गणेश उसे सतीश को लेकर महुली आया. जहां से हमलोग सतीश को ईंट भट्टा होते हुए महुली घाट ले गये. सतीश के गमछा से ही हमलोगों ने उसके गले को दबा दिया. जब वह नहीं मरा तो प्रमोद ने उसके कनपट्टी में गोली मार दी और उसे गंगा में धक्का मार दिया.
हत्या करने के बाद हमलोग सभी अलग हो गये. खोजी कुत्ता के साथ हुई खोज पुलिस अधीक्षक वरुण कुमार सिन्हा ने हत्यारा सदानंद यादव को लेकर मंगलवार को महुली घाट घटनास्थल का निरीक्षण किया. उनके साथ एसडीपीओ ललित मोहन शर्मा, प्रशिक्षु डीएसपी कृष्ण मुरारी प्रसाद सहित विभिन्न थाना के थानाध्यक्ष, एसटीएफ व जिला बल के जवान भी दियारा गये. दो किलोमीटर चलने के बाद सदानंद घटनास्थल पर पहुंचा.
जहां पुलिस को बताया कि किस प्रकार उन चारों लोगों ने मिलकर सतीश की हत्या की और शव को गंगा में फेंक दिया. पुलिस अधीक्षक वरुण कुमार सिन्हा ने भागलपुर से स्वान दस्ता के हवलदार रैंक के कुत्ता को बुलाया था. जिससे सतीश के कपड़े को संुगा कर छोड़ा गया. जिस रास्ते से सतीश को लाया गया उसी रास्ते से कुत्ता वापस आकर पुन:
घाट किनारे खड़ा हो जाता था. शीला की गिरफ्तारी के कई ठिकानों पर छापेमारी हत्या की साजिश रचने वाली सकलदेव सहनी की पत्नी शीला देवी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है. शीला पटना में एक नर्सिंग होम में काम करती है. दुर्गा पूजा में घर आयी और साजिश रच कर सतीश कुमार कुशवाहा की हत्या करवा दी.
पुलिस द्वारा जब शीला की गिरफ्तारी के लिए पटना के बुद्धा कॉलोनी में छापेमारी की गयी. शीला तो नहीं मिली लेकिन उसकी बहन व मां मिली. जिसने बताया कि वह 29 को यहां आयी थी जो दूसरे दिन ही चली गयी. पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है.