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दो दशक से चल रहा फर्जी शिक्षक नियुक्ति का खेल

मुंगेर: मुंगेर में पिछले दो दशक से फर्जी शिक्षक नियुक्ति का मामला उजागर होता रहा है और कई मामलों में पुलिस व प्रशासन द्वारा कार्रवाई भी की गयी. दर्जनों फर्जी शिक्षक बरखास्त किये गये. जबकि दर्जनों शिक्षक नौकरी छोड़ कर फरार भी हो गये. एक बार फिर पटना उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में […]

मुंगेर: मुंगेर में पिछले दो दशक से फर्जी शिक्षक नियुक्ति का मामला उजागर होता रहा है और कई मामलों में पुलिस व प्रशासन द्वारा कार्रवाई भी की गयी. दर्जनों फर्जी शिक्षक बरखास्त किये गये. जबकि दर्जनों शिक्षक नौकरी छोड़ कर फरार भी हो गये. एक बार फिर पटना उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में शिक्षकों के शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच की प्रक्रिया चल रही है. जिसमें बड़े पैमाने पर फर्जी शिक्षकों के पकड़े जाने की संभावना है.

वैसे सैकड़ों की संख्या में प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में पदस्थापित शिक्षक अपने प्रमाण पत्रों को जांच के लिए अबतक प्रस्तुत नहीं किये हैं. शिक्षा विभाग के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) देवेंद्र कुमार झा ने बताया कि वर्तमान में उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में शिक्षकों के प्रमाण पत्र की प्रति प्राप्त की जा रही है और उसे निगरानी विभाग को सौंप दी जायेगी.

छह पर हुई थी प्राथमिकी दर्ज

टीइटी की मेधा सूची में जालसाजी कर छह शिक्षकों की अवैध नियुक्ति के मामले में गत वर्ष बरियारपुर प्रखंड के हरिणमार बिंदा दियारा में मामला पकड़ा गया था. तत्कालीन जिलाधिकारी नरेंद्र कुमार सिंह ने जांच के बाद पंचायत के पंचायत सचिव प्रवीण कुमार को जहां गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. वहीं छह शिक्षकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. जिसमें भेलवा दियारा प्राथमिक विद्यालय के रोबिन कुमार, हरिणमार हरिजन टोला के पंचायत शिक्षक साहब कुमार पासवान, प्राथमिक विद्यालय लक्ष्मीपुर के धर्मेद्र कुमार, प्रावि बहादुरपुर के बेबी कुमारी एवं प्राथमिक विद्यालय रैयता की रूबी कुमारी शामिल हैं.

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