सदर अस्पताल के विभिन्न वार्डो में जहां दर्जन भर पंखे खराब पड़े हुए हैं. वहीं मरीजों को बेड पर अब चादर भी नसीब नहीं है. अस्पताल की व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए अधिकारियों की फौज तैनात है. किंतु उन्हें सिर्फ अपने सुख-सुविधाओं से मतलब है. अधीक्षक से लेकर उपाधीक्षक और अब तो अस्पताल प्रबंधक तक सदर अस्पताल में तैनात हैं. किंतु व्यवस्था बदहाल ही होते जा रही.
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सदर अस्पताल : खराब पड़े हैं पंखे, बेड पर चादर नहीं
मुंगेर: वैसे तो अस्पताल मरीजों के इलाज के लिए बना है, किंतु इन दिनों सदर अस्पताल को खुद ही इलाज की जरूरत है. अस्पताल प्रबंधन चाहे जितने भी दावे कर ले, लेकिन यहां रोगियों को मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हो पा रही. बिना चादर के ही फटे पुराने बेड पर रोगियों का इलाज होता […]
मुंगेर: वैसे तो अस्पताल मरीजों के इलाज के लिए बना है, किंतु इन दिनों सदर अस्पताल को खुद ही इलाज की जरूरत है. अस्पताल प्रबंधन चाहे जितने भी दावे कर ले, लेकिन यहां रोगियों को मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हो पा रही. बिना चादर के ही फटे पुराने बेड पर रोगियों का इलाज होता है तो इस भीषण गरमी में दर्जनों पंखे भी खराब पड़े हैं.
सांसद ने भी व्यक्त की थी नाराजगी : 16 अप्रैल को मुंगेर की सांसद वीणा देवी ने सदर अस्पताल का निरीक्षण किया था. इस दौरान उन्होंने अस्पताल में व्यापक कुव्यवस्थाएं पायी थी. जिसके कारण उन्होंने सिविल सजर्न को कड़ी फटकार लगायी थी. सिविल सजर्न डॉ रामेश्वर महतो ने हाजिर जवाबी में कह दिया था कि एक महीने के भीतर सारी खामियों को दूर कर व्यवस्था में सुधार कर लिया जायेगा. किंतु व्यवस्था में सुधार होना तो दूर की बात उलटे ह्रास ही हो रहा. यहां तक कि मरीजों के बेड पर चादर तक उपलब्ध नहीं हो पाया है. इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि अस्पताल प्रबंधन व्यवस्थाओं में सुधार लाने के प्रति कितनी सजग है.
जब से भरती हूं नहीं चल रहा पंखा
फोटो : सूमा देवी : हवेली खड़गपुर प्रखंड के डंगरी निवासी मरीज सूमा देवी ने बताया कि वह पिछले 11 मई को अस्पताल में भरती हुई थी. किंतु वह अपने बेड के पास लगे पंखे को आज तक चलते नहीं देखी है. इतना ही नहीं उनके बेड पर अबतक एक भी चादर नहीं दिया गया है.
बाजार से खरीदना पड़ा पंखा : सदर प्रखंड के धौताल महतो टोला निवासी राम सुमिरन महतो ने बताया कि वह 30 अप्रैल से अस्पताल में भरती है. किंतु तब से आजतक उन्होंने अपने बेड के पास लगे पंखे को चलते नहीं देखा. उन्होंने कहा कि गरमी से परेशान हो कर उन्हें बाजार से पंखा खरीद कर लाना पड़ा.
बेड पर नहीं मिलता है चादर : शहर के दिलावरपुर निवासी मो. अमन ने बताया कि वह सोमवार को अस्पताल में भरती हुआ है. वार्ड इंचार्ज से जब उन्होंने चादर की मांग की तो उसे बताया गया कि चादर नहीं है. उन्होंने कहा कि बेड पर पूर्व से लगे खून के धब्बे से मन भिनकता है.
गरमी से बढ़ जाती है परेशानी : जमालपुर के बड़ी आशिकपुर निवासी मरीज बैद्यनाथ प्रसाद ने बताया कि पंखा कब से बंद पा है पता नहीं. उन्होंने बताया कि चादर उन्हें क्या किसी भी मरीज को नहीं दिया जाता है.
कहते हैं सिविल सजर्न
सिविल सजर्न डॉ रामेश्वर महतो ने बताया कि चादर के लिए ऑर्डर किया जा चुका है. जल्द ही चादर की समस्या समाप्त हो जायेगी. उन्होंने बताया कि खराब पड़े पंखों के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. यदि पंखे खराब हैं तो उसे ठीक कराया जायेगा.
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